लोकायुक्त ने नगरपालिका उपयंत्री को रिश्वत लेते हुए किया गिरफ्तार
लोकायुक्त ने नगरपालिका उपयंत्री को रिश्वत लेते हुए किया गिरफ्तार
निर्माण की स्वीकृति के एवज में मांगी थी 30 हजार की रकम
छतरपुर// छतरपुर नगर पालिका आए दिन बिबादो में घिरी रहती है ताजे मामले में नगरपालिका में पदस्थ एक उपयंत्री को 30 हजार की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त की टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। लोकायुक्त की इस कार्यवाही के बाद नगरपालिका कार्यालय में हड़कंप की स्थिति देखी गई ।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक नगर पालिका की लोक निर्माण विभाग शाखा में पदस्थ उपयंत्री
बाबूराम पुत्र जगन्नाथ चौरसिया ने कंसलटेंट उमेश पुत्र हरगोविंद चौरसिया निवासी ग्राम पिपट तहसील बिजावर से निर्माण कार्य की स्वीकृति के एवज में 30 हजार की रिश्वत मांगी थी। जिस वक्त उपयंत्री बाबूराम चौरसिया नगर पालिका की निर्माण शाखा में यह रकम ले रहे थे, उसी वक्त लोकायुक्त डीएसपी राजेश खेड़े के नेतृत्व में लोकायुक्त की टीम ने उन्हें रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। लोकायुक्त की टीम का छापा पडऩे के बाद नगरपालिका कार्यालय में हड़कंप की स्थिति देखी गई। कार्यवाही में लोकायुक्त के उप पुलिस अधीक्षक राजेश खेड़े, प्रफुल्ल श्रीवास्तव और श्रीमती मंजु सिंह शामिल रहीं।
भाजपा के पदाधिकारियों के करीबी हैं बाबूराम चौरसिया
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जिस उपयंत्री बाबूराम चौरसिया को लोकयुक्त की पुलिस ने दबोचा है वह भाजपा के पदाधिकारियों के काफी करीबी हैं। बताया गया है कि बाबूराम चौरसिया भले ही शासकीय नौकरी कर वेतन पाते हों लेकिन वे उनके द्वारा किए जाने वाले कार्य भाजपा नेताओं के इशारे पर किए जाते थे। यह भी पता चला है कि जब से छतरपुर नगर पालिका में भाजपा की अध्यक्ष बनी हैं तब से उपयंत्री बाबूराम चौरसिया कई भाजपा नेताओं और भाजपा पार्षदों की गाड़ी में बैठकर यहां-वहां जाते दिखाई देते हैं। हालांकि मीडिया के सामने उन्होंने कई बार दावा किया है था कि वे बेहद ईमानदार व्यक्ति हैं लेकिन जैसे ही लोकायुक्त की टीम ने उन्हें पकड़ा वैसे ही उनकी ईमानदारी की पोल खुल गई है। एक चर्चा यह भी सामने आई कि उपयंत्री बाबूराम चौरसिया सत्तारूढ़ दल के लोगों से संपर्क कर इस मामले को निपटाने की जुगत बैठा रहे हैं, अब उनके प्रयास कितने सफल होते हैं यह देखने वाली बात होगी।
चाणक्य न्यूज इंडिया से विशेष संवाददाता अनुरुद्ध मिश्रा