दिल्ली में यमुना खतरे के निशान से 3 मीटर ऊपर,पीने के पानी का संकट
दिल्ली में यमुना खतरे के निशान से 3 मीटर ऊपर:3 वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बंद, पीने के पानी का संकट; राजधानी में भारी वाहनों की एंट्री पर रोक…………हरियाणा के हथनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ जैसे हालात हैं। गुरुवार सुबह 10 बजे यमुना का जलस्तर 208.53 मीटर पर पहुंच गया। यह खतरे के निशान 205 मीटर से 3 मीटर ज्यादा है।
यमुना वजीराबाद से ओखला तक 22 किमी में है। केंद्रीय जल आयोग को आशंका है कि गुरुवार दोपहर तक जलस्तर 209 मीटर पहुंचने पर ज्यादातर इलाके जलमग्न हो जाएंगे। यहां NDRF की 12 टीमें तैनात की गई हैं। 2,700 राहत शिविर लगाए गए हैं।
कई इलाके पानी में डूब गए हैं। 5 से 6 फीट तक पानी भर गया है। यमुना नदी के किनारे बसे निचले इलाकों से 16 हजार से ज्यादा लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। दिल्ली सरकार ने एडवाइजरी में कहा कि बाहरी राज्य के लोग दिल्ली में प्रवेश ना करें।
सिंघु बॉर्डर, बदरपुर बॉर्डर, लोनी बॉर्डर और चिल्ला बॉर्डर सील कर दिए हैं। भारी मालवाहक वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। छोटे वाहनों की एंट्री जारी रहेगी। दिल्ली सरकार ने रविवार तक सभी स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी बंद रखने के आदेश दिए हैं।
बजीराबाद, ओखला और चंद्रावल के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बंद कर दिए गए है। इससे राजधानी के कई इलाकों में पीने के पानी की किल्लत हो सकती है। उधर, सीएम आवास के 500 मीटर तक जलभराव हो गया है। यमुना बाजार, मजनू का टीला, निगम बोध घाट, मोनेस्ट्री मार्केट, वजीराबाद, गीता कॉलोनी और शाहदरा एरिया इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।यमुना में पानी कहां से आता है
यमुना पर दो बैराज हैं। एक देहरादून में डाकपत्थर पर तो दूसरा दिल्ली के अपस्ट्रीम में यमुनानगर के हथिनीकुंड में। यहां कोई बांध नहीं है। हिमाचल, हरियाणा में जब भी तेज बारिश होती है तो यमुना का जलस्तर बढ़ जाता है। इसका असर दिल्ली में होता है। यही वजह रही कि रविवार सुबह 11 बजे दिल्ली में यमुना का जलस्तर 203 मीटर था, जो बढ़कर गुरुवार को 208.53 मीटर तक पहुंच गया।
उधर, हरियाणा में भी 13 जिलों में यमुना का पानी घुस चुका है। 240 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। धीरे धीरे यमुना का पानी अब आगे की और बढ़ रहा है, इससे आज पांच जिले- जींद, फतेहाबाद, फरीदाबाद, पलवल और सिरसा में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। राज्य में अब तक 10 मौतें हो चुकी हैं।