घाव बहुत गहरा है, पर लबों पर पहरा है! एक चीख़ से क्या होगा, सारा जहाँन बहरा है! डॉ. सोलंकी कुलसचिव

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घाव बहुत गहरा है, पर लबों पर पहरा है! एक चीख़ से क्या होगा, सारा जहाँन बहरा है! डॉ. सोलंकी कुलसचिव

संवाददाता गोपाल आंजना
उज्जैन मप्र

जननायक भीमा नायक शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय बडवानी में आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार में “स्वतंत्रता संग्राम में जनजाति नायकों का योगदान” विषय पर विचार व्यक्त करते हुए इतिहासकारों द्वारा भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में जनजाति जननायकों के साथ अन्याय करते हुए इतिहास में नजर अंदाज किये जाने के लिए अपने उदगार व्यक्त किये गए!
आपने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के आंदोलन की शुरुआत सबसे पहले हमारे जनजाति नायकों ने अपने उपर हो रहे अंग्रेजों के अत्याचार और जंगलों से लकडियों की लुट मार के लिए जनजाति नायकों के विरोध करने के लिए जनआंदोलन की शुरुआत हुई थी! बाद में देश के समझदार लोगों ने अपनी अपनी सेना बना कर इन्हीं जनजाति नायकों को सेना के सिपाही की तरह उपयोग किया गया है! और इतिहास में अपना नाम दर्ज करने के लिए इतिहासकार भी असली आंदोलन कारियों को नजरअंदाज कर गये! यह तो हमारे देश का सौभाग्य है कि श्री नरेन्द्र मोदी जी को प्रधानमंत्री का मौका दिया गया है और उन्होंने समाज के आखिरी लाईन में खड़े जनजाति समाज को उनके हक़ और अधिकार के लिए आजादी के 75 वें वर्ष में अम्रत महोत्सव के दौरान सम्मानित करने की शुरुआत की है! जिसका परिणाम स्वरूप आज देश में भगवान बिरसा मुंडा के जन्म दीवस को जनजाति समाज के राष्ट्रीय गौरव दीवस और देश के सर्वोच्च शिखर पर एक जनजाति समाज की महिला को राष्ट्रपति बना दिया है! इधर मध्य प्रदेश में भी श्री शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश ने स्वतंत्रता संग्राम में अपना सबकुछ बलिदान करने के लिए भगवान बिरसा मुंडा, जननायक टंट्या मामा, रघुनाथ शाह शंकर शाह आदि जनजाति जन नायकों की ना केवल प्रतिमाओं का अनावरण किया गया है अपितु उनके नाम से चौराहे, विश्व विद्यालय, महाविद्यालय के नाम भी रखे गए है! जनजाति समाज को इसके पहले इतना सम्मान किसी ने कभी नहीं दिया है! महाविद्यालय के सक्रिय प्राचार्य प्रो. एन. एल. गुप्ता जी के सराहनीय प्रयास से सेमिनार में देवी अहिल्या विश्व विद्यालय की कुलपति प्रो. रेणु जैन, डॉ. बीआर अंबेडकर सामाजिक विज्ञान विश्व विद्यालय के नवनियुक्त कुलपति प्रो. रामदास आत्रम, प्रवेश एवं शुल्क नियामक आयोग के अध्यक्ष प्रो. रविंद्र कान्हेरे जी, राष्ट्रीय अजजा आयोग के संयोजक श्री वैभव सुरंगें जी, समाज के लिए समर्पित शिवगंगा के श्री राजाराम कटारा जी, नगर पालिका परिषद् की नवनिर्वाचित अध्यक्ष श्रीमती अश्विनी चौहान एवं देवी अहिल्या विश्व विद्यालय के संयोजक डॉ. सखाराम मुजाल्दे के द्वारा भी लंबे समय तक विचार गोष्ठी गई! इस अवसर पर विश्व विद्यालय परिवार के शिक्षक अधिकारी कर्मचारियों के साथ ही छात्र छात्राओं ने भारी संख्या में उपस्थित होकर सेमिनार को एतिहासिक बना दिया!

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