प्रदेश के मुखिया को इलाहाबाद के शूटरों ने दिया खुली चुनौती
प्रयागराज की धरती पर फिर से दिल दहलाने व 25 जनवरी 2005 की राजू पाल हत्याकांड को ताजा कर देने वाला हादसा सामने नजर आया जब राजू पाल हत्याकांड का मुख्य गवाह उमेश पाल को कचहरी से घर लौटने पर अपने निजी आवास शाम के 5:00 बजे घर में घुस कर बाइक और कार सवार बदमाशों ने जो घटना को अंजाम दिया वह फिल्मी दुनिया को भी मात दे दिया है दिनदहाड़े उमेश पाल को गोली और बम से हमला होने पर मौके पर ही उमेश पाल की मौत हो गई और साथी सिपाही संदीप निषाद और राघवेंद्र सिंह भी गंभीर रूप से घायल हुए जिसमें संदीप निषाद उपचार के दौरान मौत हो गई वही राघवेंद्र सिंह गंभीर रूप से अभी भी जिंदगी मौत से जूझ रहे हैं वही हौसले से लबरेज बदमाशों ने घटना को अंजाम देकर बाइक और कार से रफूचक्कर हो गए जहां एक और प्रदेश सरकार प्रदेश में जंगलराज और माफियाओं का अंत करने का ढिंढोरा पीट रही है और अखबारों और टेलीविजन दिन-रात प्रदेश से जंगलराज का खात्मा का प्रचार प्रसार करने के लिए लाखों करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी प्रदेश से माफियाओं का राज खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है इसका जीता जागता सबूत प्रयागराज की दिनदहाड़े किए घटना है जो की सीसी कैमरा द्वारा फुटेज आपको दिखाया जा रहा है इस घटना को लेकर प्रयागराज में पुलिस प्रशासन और प्रदेश सरकार के काफी नाराजगी है