पुलिस आरक्षक ने शराब के नशे में युवकों को वेरहमी से पीटा,किया पुलिस विभाग को कलंकित

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मुंगावली- बुधवार की रात को एक ऐसा मामला सामने आया जिसमे न केवल पुलिस को बदनाम किया साथ ही पुलिस अधीक्षक की साफ सुधरी छवि को खराब करने का प्रयास किया गया दअरसल बुधवार की रात शिव प्रताप ( भूरा) यादव और आयुष (राहुल) दुवे अपने रिश्तेदार की जन्मदिन के उपलक्ष में सुंदर काण्ड का पाठ करके लौट रहे थे तभी पोस्ट ऑफिस चौराहा स्थित पुराने पुलिस थाने के सामने उनकी गाड़ी के आगे एक सांप आ गया जिसको बचाने के लिए उन्होंने गाड़ी खड़ी कर दी तभी थाने में पदस्थ आरक्षण रवि यादव द्वारा बेवजह ही दोनों की साथ मारपीट शुरू कर दी और दोनों ही पुलिस आरक्षक से विनती करते रहे और पूछते रहे कि आखिर हमें क्यों मारा जा रहा है मगर आरक्षक शराब के नशे में होने के कारण दोनों की बात ना सुनते हुए केवल अपनी वर्दी का रुतबा बताते हुए दोनों को मारते रहे इतना ही नहीं आयुष दुबे को थाने के अंदर ले जा कर जूते पहने हुए लतो और घुसो से बहुत मारा और पुराने थाने के अंदर ले जाकर बैठा दिया गया इसकी जानकारी जैसे ही उनके परिजनों और नगर के लोगों को लगी तो वह भी पुराने पुलिस थाने पहुंची और घटना की पूरी जानकारी ली गई वह इस पूरे मामले में थाना प्रभारी प्रदीप सोनी पुलिस आरक्षक को बचाते दिखाई दिए ना तो उन्होंने परिजनों और लोगों के कहे अनुसार आरक्षक की एमएलसी कराई और ना ही उन्हें पकड़ने की कोशिश की और आरक्षक को मौके से भागने पर मौका दिया गया जिस वजह से आरक्षक मामला बिगड़ता हुआ देख वहां से फरार हो गया वही देर रात हुई घटना की सभी समाजों के लोगों ने घोर निंदा की है और उनका कहना है कि यह घटना बहुत ही निंदनीय है अमान्यवीय है और इस घटना में जो आरक्षक दोषी है उस पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए जिससे भविष्य में आगे किसी भी तरह की कोई घटना घटित ना हो सके।
राज्यमंत्री ने पूरी घटना पर लिया संज्ञान
वही इस पूरे मामले में जैसे ही राज्यमंत्री बृजेंद्र सिंह यादव को जैसे ही जानकारी लगी तो उन्होंने तत्काल पुलिस अधीक्षक अमन सिंह राठौर को कार्यवाही करने के लिए निर्देशित किया गया वहीं राज्य मंत्री ने कहा कि इस तरह की घटना क्षेत्र में कई बर्दाश्त नहीं की जाएंगी क्योकि इस तरह की घटना ने सोचने पर मजबूर कर दिया है कि बच्चों के साथ कोई इस तरह कर सकता है और अपने पद का दुरुपयोग कर सकता है वही इस पूरे मामले में पुलिस अधीक्षक ने घटना के दिन ही आरक्षक को लाइन अटैच कर दिया गया है वही नागरिकों ने आरक्षक को सस्पेंड कर निष्पक्ष जांच की मांग की है वहीं आयुष दुबे सिविल अस्पताल में अपना इलाज करा रहे हैं और चोट अधिक आने की वजह से फरयादी को भर्ती किया गया है।

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