मुस्लिम समुदाय के लोगों ने निकाली ताजिया जलूस

इस्लामिक कैलेंडर के पहले महीने का नाम मुहर्रम है। मुसलमानों के लिए यह सबसे पवित्र महीना होता है। इस महीने में इस्लाम का नया साल शुरू हो जाता है । मोहर्रम माह के 10वे दिन को रोज-ए-आशूरा कहा जाता है। इस दिन को इस्लामिक कैलेंडर में बेहद अहम माना गया है क्योंकि इसी दिन हजरत इमाम हुसैन की शहादत हुई की थी। इस्लाम धर्म के संस्थापक हजरत मोहम्मद साहब की छोटे नवासे हजरत इमाम हुसैन ने कर्बला में अपने 72 साथियों के साथ शहादत दी थी। इसलिए इस माह को गम के महीने के तौर पर मनाया जाता है। इमाम हुसैन की शहादत की याद में ही ताजिया और जुलूस निकाले जाते हैं। ताजिया निकालने की परंपरा सिर्फ शिया मुसलमानों में ही देखी जाती है। जबकि सुन्नी समुदाय के लोग ताजियादारी नहीं करते हैं।आइए सुनते हैं बलिया से हेड ब्यूरो पीयूष प्रताप सिंह की रिपोर्ट