विसर्जन जुलूस नालापुरा से प्रारंभ अमझेरा के विभिन्न मार्गों होते हुए अमका झमका माता मंदिर प्रांगण पहुंचे

सरदारपुर । तहसील के विभिन्न स्थानों पर विराजित की गई दशा माता का गुरुवार को विधि विधान के साथ विसर्जन किया गया। व
सावन माह में दशा माता की स्थापना के साथ उत्सव की शुरुआत हुई। दस दिनों तक महिलाओं के द्वारा व्रत रख माता की आराधना की। नगर अमझेरा के नालापुरा दशा माता मंदिर पर दशा माता की स्थान की थी।जो गुरुवार को श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना, भोग और आरती के बाद विसर्जन जुलूस निकाला जो नालापुरा से प्रारंभ हुए अमझेरा के विभिन्न मार्गों होते हुए अमका झमका माता मंदिर प्रांगण पर समापन हुआ। यात्रा के दौरान भजन गायक शशांक तिवारी ने भजनों कि प्रस्तुती के दौरान महिला सिर पर कलश व जयकारे के साथ नाचते गाते चल रहे थे।
भाजपा नेता धर्मेन्द्र मंडलोई व अमझेरा सरपंच पति शिवा मकवाना ने बताया कि सावन माह की अमावस्या से पर्व की शुरुआत होती हैं।दस दिनों तक सभी माता की आराधना करते हैं। प्रतिदिन माता को विभिन्न प्रकार के प्रसादी का भोग लगाया जाता है। दशा माता दशा पलटने, दुख दरिद्रता दूर करने वाली माता माना जात है। इसी लिए सूर्योदय के पूर्व माता का विसर्जन किया जाता है। इससे की नए सूर्योदय के साथ सारे दुख-कष्ट सब दूर होने के माता के भक्तों की दशा पलट जाए। जिस दौरान सरपंच पति शिवा मकवाना, सरपंच पति प्रकाश खराड़ी, धर्मेन्द्र मंडलोई,रामप्रसाद वसुनिया,पप्पु अजनार,बाबलू सिंगार,चेतन भया, दिक्षीत वैष्णव,व हजारों श्रद्धालु उपस्थित थे ।
