8 वर्षीय मासूम बालिका के साथ बलात्कार कर उसकी हत्या के दोषी को विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट ने सुनाया मौत की सजा

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8 साल की मासूम के साथ बलात्कार कर उसकी हत्या के दोषी को विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट ने महज 82 दिनों में फैसला सुनाते हुए आरोपी को मौत की सजा सुनाई है। जज ने फैसला सुनाते हुए कहा कि
पुरुषों की उत्पत्ति ही महिलाओं से होती है, दोषी का कृत्य पशुओं से भी ज्यादा निंदनीय है,लड़कियां यदि खुले में नहीं घूम सकतीं तो फिर उनके लिए कौन सा स्थान है,
भारतीय संस्कृति में स्त्री धर्म की मूल है, स्त्री के साथ ऐसा अपराध किसी भी धर्म व संस्कृति में मान्य नहीं साथ ही भारतीय संस्कृति में बालिकाओं को नई शक्ति के सृजन की शसक्त नारी बताया गया है, लेकिन इस अपराधी उसका बचपन में ही जीवन खत्म कर दिया गया
जज के इस फैसले से म्रतक मासूम के पिता न्याय से आए इस फैसले से खुश है।

24 मार्च 2023 की घटना है जहा अयाना थाना क्षेत्र में महमूदपुर गांव में जब एक मासूम बच्ची का खेत से अपहरण हो जाता है जिसके बाद उसके पिता अपनी बेटी की तलाश शुरू करते है लेकिन उसका कहि भी पता नही चलता थक हार कर पिता पुलिस को अपनी बेटी के गायब होने की सूचना देते है जिसके बाद पुलिस गायब की 8 साल की मासूम की खोजबीन पूरी रात करती है कई संदिग्ध लोगों को उठती है जिसके बाद पकड़े गए एक आरोपी गौतम अपना जुर्म कबुलता है और सुबह एक लड़की की लाश खेतो में मिलती है आरोपी ने पुलिस के सामने अपना जुर्म कबूलते हुए बच्ची के साथ हुई हैवानियत के बारे में बताता है कि कैसे उसे खेतो में अकेला देख बिस्कुट का लालच दिया और अपने साथ शराब के नशे में उसके साथ बलात्कार किया और उसकी गला दबा कर हत्या कर दी इस घटना को जिसने सुना वह दंग रह गया था एसपी ने तत्काल कार्यवाही करते हुए कुछ दिनों के भीतर ही चार्जसीट कोर्ट में 14 गवाह को पेश किया साथ ही इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस की भी इस केस को सॉल्व करने में मद्दत ली गई।

आरोपी को फाँसी की सजा सुनाई जाने के बाद औऱ इस फैसले के आने के बाद 8 साल की म्रतक मासूम के पीड़ित पिता को न्याय मिला तो उन्होंने कहा कि वह इस फैसले से खुश है और मेरी बच्ची भले ही आज इस दुनिया मे नही है लेकिन उसे जल्द न्याय मिला।

कोर्ट में इस पूरे मामले की लड़ाई लड़ रहे जिला शासकीय अधिवक्ता (दण्ड) अभिषेक वर्मा ने बताया कि यह पूरी घटना 24 मार्च 2023 की है जिसमे एक बच्ची के साथ रेप और उसकी हत्या कर दी गई थी और 8 दिनों में न्यायलय में आरोप पत्र को प्रेषित किया गया पीड़ित पक्ष की तरफ से 14 गवाह पेश किए गए इसके साथ ही आरोपी गौतम के खिलाफ सभी एविडेंस आरोप पत्र दिए गए जिसके आधार पर न्यायालय ने 26 तारीख को आरोपी पर आरोप सिद्ध किए गए और 28 तारीख को सजा मौत सुनाई गई इस फैसले को 82 दिनों के अंदर सुनाया गया जज ने आरोपी के खिलाफ फैसला सुनाते हुए कहा कि जब पुरुषों की उत्पत्ति ही महिलाओं से होती है, दोषी का कृत्य पशुओं से भी ज्यादा निंदनीय है,लड़कियां यदि खुले में नहीं घूम सकतीं तो फिर उनके लिए कौन सा स्थान है, भारतीय संस्कृति में स्त्री धर्म की मूल है, स्त्री के साथ ऐसा अपराध किसी भी धर्म व संस्कृति में मान्य नहीं साथ ही भारतीय संस्कृति में बालिकाओं को नई शक्ति के सृजन की शसक्त नारी बताया गया है, लेकिन इस अपराधी उसका बचपन में ही जीवन खत्म कर दिया।

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