#sitapur #रामकोट कस्बा बना तालाब, जिम्मेदार अनजान
सीतापुर। 88 हजार ऋषि मुनियों की तपोभूमि विश्वविख्यात नैमिषारण्य जाने वाली मुख्य सडक पर रामकोट कस्बे में एसबीआई बैंक के पास भीषण गहरे गड्ढे होने के कारण सडक तालाब बनी हुई है। यहां मुख्य मार्ग पर इतने बड़े-बड़े गड्ढे हो गये है जहां हर समय बडे हादशे का खतरा बना हुआ है। रामकोट कस्बे में एसबीआई बैंक के पास बने गहरे गड्ढे स्थानीय लोगों के लिए भी मुसीबत बनते जा रहें है। स्थानीय दुकानदार और वाहन चालक हर समय खतरे का सामना करते रहते है। सडक पर बने गहरे-गहरे गड्ढे वाहन चालकों के लिए भी मुसीबत बने हुए है। मुख्य मार्ग पर बने गहरे गड्ढो में गिरकर दिन भर में दर्जनों वाहन चालक हादशे का शिकार बन रहे हैं लेकिन इस गहरे गड्ढो को भरने के लिए लोक निर्माण विभाग भी लापरवाह बना हुआ है। प्रदेश में गड्ढामुक्त सड़कों की बानगी देखनी है तो 88 हजार ऋषि मुनियों की तपोभूमि विश्वविख्यात नैमिषारण्य जाने वाली मुख्य सडक पर रामकोट कस्बे में आइए। यहां कस्बे मे भीषण गहरे गड्ढों में सड़क तलाशनी पड़ रही है। इस सड़क पर गड्ढे भरने का काम तो हुआ और गिट्टी डालकर काम चला दिया गया और पानी भरने से फिर सडक खस्ताहाल हो गयी और कागजों में गड्ढे भर दिए गये। इससे राष्ट्रीय राज्य मार्ग का रामकोट कस्बा अब तक गड्ढा मुक्त नहीं हो पाया है। क्षेत्रवासियों ने विभागीय अधिकारियों के साथ सड़क मरम्मत कराने की गुहार अनवरत कर रहे हैं लेकिन सडक पर बने गहरे गहरे गड्ढे न तो लोक निर्माण विभाग सही कर रहा है और न ही प्रशासन संज्ञान ले रहा है। यूपी के मुख्यमंत्री ने गड्ढा मुक्त कराने के निर्देश भी दिये थे लेकिन काफी समय बीत चुका है फिर भी सडक पर बने बड़े-बड़े गड्ढे वैसे ही बने हुए हैं और सडक की हालत जैसी की तैसी बनी हुई है। लापरवाह विभागीय अधिकारियों ने इस ओर ध्यान देना मुनासिब नहीं समझा। हालात यह है कि पूरी सड़क की गिट्टी उखड़ी पड़ी है। इस मार्ग पर आने वाले अधिक से अधिक गांवों के ग्रामीणों का भी आवागमन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है तो वहीं आवागमन करने वालों का समय बर्बाद तो हो ही रहा है साथ ही गिर कर घायल हो रहे हैं और लगातार सडक दुर्घटनाएं बढती जा रही है। सड़कों को गड्ढामुक्त बनाने के अभियान के तहत जिन गड्ढों को ठेकेदारों ने पाटा था उनमें केवल गिट्टी भर दी गईं, जिससे एक बारिश के बाद ही गड्ढे और गहरे हो गए। गड्ढे भरने में इतना घटिया मैटेरियल लगाया गया कि पन्द्रह दिन भी नहीं चल सका और सड़क टूटती चली गई। आलम यह है कि अब रामकोट कस्बे से राहगीरों को गुजरना मुश्किल हो रहा है। यहां से अधिकारी भी निकलते हैं और राजनेता भी लेकिन इस सड़क को देखकर लोग अनदेखी कर जाते हैं। यहां ठेकेदार, नेता और अधिकारियों के गठजोड़ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सड़कों को गड्ढामुक्त करने के फरमान की धज्जियां उड़ाकर रख दीं हैं। इसका खामियाजा क्षेत्र की जनता को भुगतना पड़ रहा है। शहर को जोड़ने वाले इस मुख्य मार्ग से प्रतिदिन जिला मुख्यालय से तहसील मुख्यालय को जिम्मेदार अधिकारी गुजरते हैं लेकिन न तो किसी अधिकारी की नजर पड़ती है और न ही किसी जनप्रतिनिधि की जबकि लोग जान जोखिम उठाकर सफर करने को मजबूर हैं।