श्रीमद् भागवत महापुराण द्वितीय दिवस:भगवान से बढ़कर कोई और सुख और संपदा नहीं, भागवत सुनने से होता है कल्याण

श्रीमद् भागवत महापुराण द्वितीय दिवस:भगवान से बढ़कर कोई और सुख और संपदा नहीं, भागवत सुनने से होता है कल्याण
दमोह. कथा वाचक किशोरी वैष्णवी गर्ग ने कथा की शुरुआत करते हुए कहा कि आप सब पर ठाकुर जी की कृपा है. जिसकी वजह से आप आज कथा का आनंद ले रहे है. शनिवार को कथा में नारद जी के पूर्व जन्म की कथा बा व्यास जी द्वारा भागवत बनाना ,, अमरकथा और शुकदेवजी के जन्म का वृतांत का विस्तार से वर्णन किया गया।*
श्रीमद् भागवत महापुराण कथा में यह भी बताया कि अगर आप भागवत कथा सुनकर कुछ पाना चाहते हैं. कुछ सीखना चाहते है तो कथा में प्यासे बन कर आए. कुछ सीखने के उद्देश्य से, कुछ पाने के उद्देश्य से आएं, तो ये भागवत कथा जरूर आपको कुछ नहीं बल्कि बहुत कुछ देगी. मनुष्य का जीवन सांसारिक भोग में नहीं कृष्णभक्ति में बिताएं. मनुष्य जीवन विषय वस्तु को भोगने के लिए नहीं मिला है. लेकिन आज का मानव भगवान की भक्ति को छोड़ विषय वस्तु को भोगने में लगा हुआ है.उसका सारा ध्यान संसारिक विषयों को भोगने में ही लगा हुआ है. मानव जीवन का उद्देश्य कृष्ण प्राप्ति शाश्वत है. उन्होंने कहा कि हमारे जीवन का उद्देश्य कृष्ण को पाकर ही जीवन छोड़ना है और अगर हम ये दृढ़ निश्चय कर लेंगे कि हमें जीवन में क्रष्ण को पाना ही है तो हमारे लिए इससे प्रभु से बढ़कर कोई और सुख, संपत्ति या सम्पदा नहीं है.भागवत कथा श्रवण करने वालों का सदैव कल्याण करती है. भगवत कथा के समय स्वयं श्रीकृष्ण आपसे मिलने आए हैं. जो भी इस भागवत के तट पर आकर विराजमान हो जाता है, भागवत उसका सदैव कल्याण करती है. उन्होंने कहा कि बिना जाति और बिना मजहब देखे इनसे आप जो मांगे यह आपको वो मनवांछित फल देती है और अगर कोई कुछ न मांगे तो उसे मोक्ष पर्यंत तक की यात्रा कराती है. संस्कार भवन में चल रही भागवत कथा में असाटी समाज दमोह ने सभी से कथा श्रवण करने की अपील की है. मुख्य रूप से यजमान श्रीमती राधारानी डालचंद असाटी जबलपुर नाका, श्रीमती मुन्नी खेमचंद्र असाटी जबलपुर नाका (गुंजी वाले रिटायर्ड शिक्षक), कुसुम विष्णु प्रसाद असाटी शोभा नगर, आशा स्वर्गीय नाथूराम नायक असाटी वार्ड 1, श्रीमती सरोज रमेश (सुंदरलाल) असाटी वार्ड 1, मधु स्वर्गीय मदन असाटी असाटी वार्ड नंबर 1, विद्या स्व. श्री राम प्रसाद असाटी असाटी वार्ड 1, सुनीता स्वर्गीय श्री पंचम लाल इंदिरा कॉलोनी, ममता रामेश्वर असाटी इमलाई, सुमन स्वर्गीय मदनलाल असाटी इमलाई, श्रीमती प्रभा स्वर्गीय माधव प्रसाद असाटी के अलावा बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे.
