घाघरा के तीर चल कर देख लिख दिए उस वीर ने जो लेख

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कैसरगंज। अट्ठारह सौ सत्तावन की क्रांति के अमर बलिदानी बहराइच के चहलारी नरेश वीर बलभद्र सिंह का 165 वां बलिदान दिवस किसान पी.जी. कॉलेज, बहराइच के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.सत्यभूषण सिंह के नगर पंचायत कैसरगंज के ग्राम गुथिया स्थित आवास वेणुकुंज में मनाया गया। बलभद्र सिंह के नेतृत्व में 12 और 13 जून अट्ठारह सौ अट्ठावन को नवाबगंज बाराबंकी में रेठ नदी के तट पर अंग्रेजों के विरुद्ध जोरदार मुकाबला हुआ था। इस युद्ध में अवध की सेना का नेतृत्व करते हुए बहराइच जिले के चहलारी नरेश वीर बलभद्र सिंह ने अंग्रेजी सेना का मुकाबला करते हुए मात्र अट्ठारह वर्ष और तीन दिन की आयु में वीरगति को प्राप्त हुए थे। आज भी इस तरुण बलिदानी की वीर गाथा यहां के लोगों में जोश भर देती है। इस अवसर पर एक विचार गोष्ठी और श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता पूर्व सैनिक विजय कुमार सिंह पदुम ने की। इस कार्यक्रम के संयोजक सत्यवीर सिंह थे।डॉ.सत्यभूषण सिंह ने साहित्यकार सत्यव्रत सिंह के प्रबंध-काव्य चहलारी नरेश वीर बलभद्र सिंह की यह पंक्तियां सुनायीं,’घाघरा के तीर चल कर देख लिख दिए उस वीर ने जो लेख, उन्हें पढ़कर हो गए कवि धन्य, वीर थे बलभद्र सिंह अनन्य’ इस अवसर पर बीजेपी आईटी विभाग के मंडल संयोजक रूपेश कुमार सिंह जीतू, युवा समाजसेवी विवेक कुमार सिंह रैकवार, शिक्षास्थली फाउंडेशन के डायरेक्टर डॉ. पंकज शुक्ला, अरुण कुमार सिंह सोनू, अरविंद कुमार सिंह रैकवार, मोहित कुमार सिंह चंदन, उच्च न्यायालय के अधिवक्ता अभिषेक सिंह सूरज, विश्वेंद्र प्रताप सिंह गौरव, समर विजय सिंह, पंकज सिंह रैकवार विवेक कुमार सिंह बिक्कू सहित अनेक लोग उपस्थित थे।

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