औरैया जिले में एक अनोखा गाँव,गांव में रहने वाले लोग तीन पीढ़ी से कुंवारे

औरैया जिले में एक ऐसा गांव आज भी मौजूद है जहा आधे से ज्यादा गांव में रहने वाले लोग आज भी कुंवारे है, और आज भी लोग अपने गांव में घरों में शहनाई बजने का इंतजार कर रहे है। इस गांव में कोई भी अपनी लड़कियों की विदा नही करना चाहता है और इसी लिए इस कैथोली गांव को कुछ लोग कुँवरो का गांव के नाम से भी जानते है गांव में दो पीढ़ियां ऐसे ही गुजर गई है और तीसरी पीढ़ी का भी यही हाल देखने को मिल रहा है गांव में शहनाईयां बजने का इंतज़ार आज भी लोग करते है इस गांव में शहनाईयां बजने की वजह भी हैरान करने वाली है क्योंकि गांव के लोगो का कहना है कि 1990 में इस गांव में दस्यु का आतंक था और अब विकास का जिस कारण गांव में लोगो के रिश्ते ही नही आते है कुछ रिश्ते आते है वह उनके जो गांव से बाहर रह कर पढ़ रहे हो या फिर उन की नौकरी लगी हो गांव में आज भी हर एक घर मे दो से तीन लोग 60 साल से लेकर 30 साल तक कि उम्र के लोग कुंवारे है।
12 साल पहले गोविंदा की एक फ़िल्म आई थी जिसमे एक गाना था “मैं कुंवारा कब तक बैठऊ बैंड मेरा बजवाओ मेरी शादी करवाओ” यह गाना इस गांव के लिए आज सही साबित होता नज़र रहा है क्योंकि इस गांव के लोग कह रहे है मेरी शादी करवा दो में कुंवारा हु इस गांव में एक दो लोग नही बल्कि आधे से ज्यादा गांव कुंवारा है और घरों में खुद ही अकेले अपने लिए खाना बना रहा है इस गांव में हालत यह है गांव में रहने वाले न जाने कितने लोग बुजुर्गों कुँवारे घूम रहे है जब इन लोगो के सामने कैमरा चलाया तो यहां के लोग दूर भागते नज़र आए।वही इस गांव में शादी न होने की वजह भी हैरान कर देने वाली है।
अयाना थाना क्षेत्र के गांव कैथोली जिसे लोग कुँवरो के गांव के नाम से भी जानते है बीहड़ के बीचों बीच बसा है गांव के कुछ लोग बताते है कि इस गांव में शादी न होने की वजह यह है साल 1990 से लेकर 2004 तक इन गांव में दस्युओ का साम्राज्य था दस्यु ज्यादातर इन्ही बीहड़ के गांव में पनहा लिया करते थे और पकड़े कर फिरौतिया भी मांगते थे गांव में इसी डर से कोई नही आता था जिस कारण हमारे पुराने बुजुर्ग की शादी नही हो सकी लेकिन आज भी इस गांव में शहनाईयां नही बजती है आधे से ज्यादा गांव के लोग कुँवारे घूम रहे है उन्ही लोगो की शादी होती है जो गांव से बाहर रह कर पढ़ रहे या नौकरी कर रहे है जबकि गांव के लोगो के पास अच्छी खेती है और कमाई भी लेकिन घर चलाने वाली नही गांव में विकास भी कुछ हद तक हुआ है और शिक्षा भी मिल रही है लेकिन फिर भी गांव में बेटियों को नही देता है।