दमोह धूमधाम से मनाया गया पाटोत्सव महामहोत्सव श्री गौर राधारमण मंदिर में भक्त आरती में हुए शामिल

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धूमधाम से मनाया गया पाटोत्सव महामहोत्सव श्री गौर राधारमण मंदिर में भक्त आरती में हुए शामिल, संस्कार भवन में हुआ विशाल भंडारा

दमोह. श्री गौर राधारमण जू असाटी वार्ड दमोह का शुभ पाटोत्सव महा महोत्सव 22 मई से 24 मई तक श्री गौर राधा रमण मंदिर में मंदिर प्रतिष्ठाता श्री बिरही जी महाराज के कृपा पात्र नित्य लीला प्रतिष्ठित श्री श्री 108 श्री चक्रधर प्रसाद शास्त्री जी महाराज के प्रिय शिष्य वर्तमान आचार्य श्री हरे कृष्ण दास ब्रह्मचारी जी महाराज की पावन सानिध्य में बड़े ही उत्साह पूर्वक मनाया गया. जिसमें बुधवार प्रातः 5 बजे मंगल आरती के पश्चात श्री हरि नाम संकीर्तन एवं रात्रि 7:30 से 9:30 बजे तक भजन संकीर्तन एवं धर्म प्रवचन हुए एवं पुनः प्रातः 7:00 से एक विशाल हरि नाम संकीर्तन शोभायात्रा मंदिर से प्रारंभ होकर शहर के मुख्य मार्गो से भ्रमण करते हुए श्री मंदिर में ही समाप्त हुई. शोभायात्रा में सागर, भोपाल, खुरई, बीना, कोटा, नरयावली, बंडा, बनगांव, गैसाबाद, हिनौता, छतरपुर आदि अनेक शहरों एवं ग्रामीण अंचलों से भक्त संकीर्तन में सम्मिलित हुए. शोभायात्रा में जगह-जगह श्री ठाकुर जी की आरती एवं फूल माला प्रसाद आदि से पूजन किया गया.रात्रि के प्रवचन में श्री हरे कृष्ण दास ब्रह्मचारी जी महाराज ने श्री विग्रह प्रतिष्ठा का महत्व बताया और कहा कि संत द्वारा प्रतिष्ठित श्री विग्रह सेवा साक्षात भगवान की सेवा है. भगवान विग्रह रूप से आपकी हर सेवा को ग्रहण करते हैं. आपने भक्तमाल एवं शास्त्रों के प्रमाण देकर कहा कि श्री वि बीबीग्रह मात्र पत्थर लकड़ी धातु नहीं वरन साक्षात श्रीहरि हैं जो भक्त के अधीन रहकर सभी सेवा ग्रहण करते हैं मूर्ति बोलती, चलती खाती पीती आदि क्रियाएं भक्तों के साथ करती है. भगवान भाव ग्राही हैं भक्तों के भाव के अनुसार भगवान की प्राप्ति होती है, हमें सद्गुरु का साथ नहीं उनकी वाणी में विश्वास नहीं है. हदय में भाव नहीं इसलिए हम अपनी जड़ इंद्रियों द्वारा भगवान की दिव्यता चिन्मयता अनुभूति नहीं कर पाते
यथार्थ में हम भगवान को नहीं चाहते भगवान से चाहते हैं. इसलिए भगवान भी हमें जड़ पदार्थों को प्रदान कर हमें अपनी विशुद्ध भक्ति सेवा से दूर कर देते हैं आपने कहा कि यह युग कलयुग है इसमें पापाचार दुराचार व्यभिचार अनाचार आदि दोष है. इसमें सभी मानव समाज लिप्त है यदि हम चाहे कि कलयुग के दोषों से बचकर मानव जीवन को सार्थक बनाने तो निष्कपट भाव से श्री चैतन्य महाप्रभु के विग्रह भक्ति का चरणाश्रय ग्रहण कर उनके उसके उपदेश अनुसार अपने जीवन को चलाते हुए युगधर्म श्री हरि नाम संकीर्तन का आश्रय ग्रहण करें.
एसडीओपी आरती में हुए शामिल,लिया आशीर्वाद
श्री हरि नाम के सिवा अन्य साधन इस युग में भगवत प्राप्ति नहीं करा सकते. इधर राधा रमण मंदिर में पुजारी श्री शिव दुबे जी ने बताया कि 24 मई 2023 दिन बुधवार को ठाकुर जी का भव्य अभिषेक पूजन अर्चन किया गया. तत्पश्चात महा आरती की गई. इसके पश्चात
असाटी वार्ड स्थित संस्कार भवन में ठाकुर जी के भंडारे में हजारों भक्त शामिल हुए. यह सब कार्यक्रम ठाकुर जी के पाठ उत्सव महा महोत्सव के उपलक्ष्य में किया गया. इसी बीच हटा एसडीओपी वीरेंद्र बहादुर सिंह ने भी आरती में सम्मिलित होकर पुण्य लाभ अर्जित किया. साथ ही वृंदावन से पधारे पूज्य श्री गुरुदेव श्री श्री 108 श्री हरे कृष्ण दास जी महाराज जी का आशीर्वाद लिया. मंदिर से जुड़े श्रद्धालु सीताराम सोनी द्वारा बताया गया कि यह कार्यक्रम प्रतिवर्ष इसी प्रकार से मंदिर में मनाया जाता है. इस अवसर पर भक्तों में शशिकांत असाटी, सतीश तिवारी, गौरंग हैप्पी असाटी, सतीश असाटी,संजय रतले, अमित चौधरी, राकेश राठौर, कपिल सोनी, शुभम सोनी, ज्ञानी राठौर, सुरेंद्र राठौर, श्यामलर गुप्ता, खिलेंद्र, अनुराग असाटी, राज सेन, श्रीमती लता मुरारी असाटी के अलावा और भी भक्त मौजूद रहे.

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