विधानसभा मे आरक्षण देने कि मांग विधायका मनिषा पंवार

विधानसभा मे आरक्षण देने कि मांग विधायका मनिषा पंवार
रिपोर्टर धीरेन्द्र भाटी
विधायक मनीषा पंवार द्वारा नियम 295 के तहत विधानसभा में रावणा राजपूत सहित अत्यन्त पिछडी जातियों को अत्यंत पिछडा वर्ग में सम्मिलित कर अलग से आरक्षण का मुद्दा उठाया
विधायक मनीषा पंवार ने विधानसभा में नियम 295 के तहत विधान सभा में अन्य पिछडा वर्ग रावणा राजपूत का मुद्दा सदन में उठाया कि रावणा राजपूत समाज सहित माली, कुम्हार, स्वामी, वैष्णव, दर्जी, नाई, घांची आदि अन्य पिछडा वर्ग की मूल अत्यन्त पिछडी जातियां हैं, जिनका शासन प्रशासन में प्रतिनिधित्व लगभग नगण्य हैं। रावणा राजपूत समाज सहित अत्यंत अत्यन्त पिछड़ी जातियों के लिये गुर्जर जाति सहित अन्य जातियों की तरह एक नया समूह ‘‘अत्यन्त पिछड़ा वर्ग’’ बनाकर अलग से आरक्षण दिया जावे।
यह अलग से आरक्षण देने की मांग इसलिये की जा रही हैं क्योंकि मण्डल आयोग की सिफारिश और माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय अनुसार राजस्थान में अन्य पिछडा वर्ग को 1993 से उनकी संख्या के आधे से भी कम मात्र 21 प्रतिशत आरक्षण मिला। इस 21 प्रतिशत आरक्षण के समय अन्य पिछडा वर्ग की सूची में मात्र 52 जातियां शामिल थी। जैसे जैसे आरक्षण का महत्व समझ आया वैसे वैसे अन्य पिछडा वर्ग में कई जातियां और जोड दी गई जिसकी संख्या 91 तक पहुंच गई लेकिन आरक्षण 21 प्रतिशत ही रहा। जुलाई 2001 में अन्य पिछडा वर्ग के 21 प्रतिशत आरक्षण को तीन भागों में बांटने की सिफारिश रणवीर सहाय वर्मा आयोग ने की लेकिन दुर्भाग्य से वह रिपोर्ट लागू नहीं हो पायी। तत्पश्चात गुर्जर आरक्षण आंदोलन की मांग को स्वीकार करते हुए गुर्जर सहित पांच जातियों का अति पिछडा वर्ग बनाकर 5 प्रतिशत आरक्षण देने का साहसिक निर्णय कांग्रेस सरकार द्वारा लिया गया।
वर्तमान में सर्वोच्च न्यायालय ने ईडब्ल्यूएस आरक्षण को वैध मानकर आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत को पार कर सकने का रास्ता खोल दिया हैं। चूंकि रावणा राजपूत समाज सहित अन्य माली, कुम्हार, स्वामी, वैष्णव, दर्जी, नाई, घांची आदि अन्य पिछडा वर्ग की मूल अत्यन्त पिछडी जातियांें को ओबीसी से अलग गुर्जर सहित पांच जातियों की तरह ही एक नया समूह अत्यंत पिछड़ा वर्ग बनाकर अलग से आरक्षण देने हेतु राजस्थान राज्य अन्य पिछडा वर्ग आयोग से अध्ययन करवा कर अलग से आरक्षण देने की मांग विधायक मनीषा पंवार ने पुरजोर तरीके से विधानसभा में सदन पटल पर रखी।
