क्या पुतिन को भारत में गिरफ्तारी का डर

आखिर G20 में क्यों नहीं आ रहे, इंटरनेशनल वारंट या कोई और वजह
9 और 10 सितंबर को दिल्ली में होने वाली G20 समिट में 6 देशों के सबसे बड़े नेता शिरकत नहीं कर रहे हैं। इनमें रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी शामिल हैं। हाल ही में साउथ अफ्रीका में हुई ब्रिक्स समिट में भी पुतिन शामिल नहीं हुए थे। पुतिन को अगस्त में तुर्किये जाना था, लेकिन ऐन वक्त पर उनका दौरा रद्द हो गया था। 17 मार्च 2023 के बाद पुतिन ने किसी भी देश की यात्रा नहीं की है।
अमेरिका जैसे देशों के बहिष्कार का डर, गिरफ्तारी की तलवार या अपने ही देश में जान का खतरा;
पुतिन ने 2019 में आखिरी बार जापान में हुई G20 समिट में इन पर्सन शिरकत की थी। 2020 में रियाद और 2021 में रोम में हुई समिट में भी पुतिन वर्चुअली शामिल हुए थे। 2022 में बाली में हुई G20 समिट में भी रूसी राष्ट्रपति मौजूद नहीं थे। 28 अगस्त को पुतिन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताया था कि वे G20 में शामिल नहीं हो सकेंगे। उनकी जगह रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव भारत आएंगे।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि पुतिन यूक्रेन वॉर के बाद से ही वैश्विक स्तर पर अलग-थलग पड़ गए हैं। पश्चिमी देशों ने रूस के खिलाफ कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं। वे भारत में यूक्रेन युद्ध पर चर्चा से बचने के लिए भी इस समिट में शामिल नहीं हो रहे हैं। हालांकि, इस समिट में भारत ने यूक्रेन को नहीं बुलाया है। इसे लेकर G20 के सदस्य देश कनाडा के प्रधानमंत्री ने नाखुशी भी जाहिर की थी।
