देश में 13,215 रेल इंजन, सिर्फ 65 में कवच सिस्टम्:कवच होता तो बेंगलुरु-हावड़ा ट्रेन का इंजन 400 मी. पहले ही रुक जाता

ओडिशा के बालासोर में 2 जून की शाम हुए रेल हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 288 हो गई है, 900 से ज्यादा लोग घायल हैं। हादसे की शिकार हुई दोनों ट्रेनों में कवच सुविधा (ऑटोमैटिक ब्रेकिंग सिस्टम) नहीं था। कवच सिस्टम होता तो बालासोर हादसे को रोका जा सकता था।
सालभर पहले 4 मई को सिकंदराबाद जोन में रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव रेल हादसा रोकने के लिए इंजनों को सुरक्षा का कवच पहनाने की घोषणा की थी। लेकिन तब से भारतीय रेलवे कवच सुविधा देने में नाकाम रहा है। भारतीय रेलवे ने इस वित्तीय वर्ष में देशभर में 5000 किलोमीटर के रूट पर इसे लगाना चाहता है।
19 में से 18 रेलवे जोन में कवच सिस्टम लगाने की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई
एक साल में देश के 19 रेलवे जोन में से सिकंदराबाद जोन के अलावा किसी भी जोन में कवच लगाने की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी। देश में हाल में कुल 13,215 इलेक्ट्रिक इंजन हैं। इनमें सिर्फ 65 लोको इंजनों को ही कवच से लैस किया गया है।
दरअसल, ये डिवाइस इंजन और पटरियों में भी लगा होता है। इसके प्रभाव वाले क्षेत्र में जैसे ही दो ट्रेन या इंजन आते हैं, सिस्टम ऑन होकर इंजन में ब्रेक लगाना शुरू कर देता है। ट्रेन रुक जाती है। रेलवे बोर्ड इस संकेत की वजह से हादसों पर नियंत्रण करने का दावा करता है।
सिकंदराबाद में जोन का 1098 रूट किमी में कवच
दक्षिण मध्य रेलवे की चल रही परियोजनाओं में 1,098 रूट किमी और 65 इंजनों पर कवच डिवाइस इस्तेमाल किया गया है। यह बीदर-परली वैजनाथ-परभणी और मनमाड़-परभणी-नांदेड़-सिकंदराबाद-गडवाल-धोन-गुंतकल सेक्शन पर दक्षिण मध्य रेलवे के करीब 1200 रूट किमी पर काम कर रहा है।
ममता बनर्जी भी बोलीं: एंटी कोलिजन डिवाइस होता तो हादसा न होता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि मेरे हिसाब से हादसा रेलवे के कोऑर्डिनेशन गैप के कारण हुआ है। जब मैं रेलमंत्री थी, तब हमने ट्रेन के लिए एंटी-कोलिजन डिवाइस पर काम शुरू किया था। जहां तक मेरे पास जानकारी है, कोरोमंडल एक्सप्रेस में ये डिवाइस नहीं था। यह सदी का सबसे बड़ा ट्रेन हादसा है, इसकी अच्छे से छानबीन होनी चाहिए।
मेरे पास इस वेदना के लिए शब्द नहीं : पीएम मोदी
ओडिशा में भीषण रेल हादसा होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बालासोर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया। इसके बाद वे अस्पताल पहुंचे और घायलों का हालचाल जाना। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि ‘बहुत ही दर्दनाक और विचलित करने वाला हादसा है, मेरे पास इस वेदना को प्रकट करने के लिए शब्द नहीं है, ईश्वर सब को शक्ति दें, ताकि वो दुख की घड़ी से निकल सकें।