गोरखपुर । घोसी उपचुनाव के नतीजों में भाजपा प्रत्याशियों की हार के तमाम कारण
गोरखपुर । घोसी उपचुनाव के नतीजों में भाजपा प्रत्याशियों की हार के तमाम कारणों में से एक कारण भारतीय जनता पार्टी की तरफ से बड़ी संख्या में अपराधियों का चुनाव प्रचार में शामिल होना भी रहा है। एक तरफ गुंडों व दबंगो और अपराधियों के खिलाफ योगी सरकार एक्शन मोड़ में है तो वही दूसरी तरफ अपराधी भी सुरक्षित ठिकाना ढूंढने में लगे हैं और वह ठिकाना बन रहा है सत्ताधारी दल।
पूरे प्रदेश में विभिन्न दलों में रहे गुंडे माफिया और छोटे मोटे अपराधियों ने अब सत्ताधारी दल का रुख कर लिया है।
कुछ ऐसा ही हाल गोरखपुर जिले का है जहां अपराधियों में सत्ता के नज़दीक जाने की होड़ लगी है। शहर के कोतवाली थाना क्षेत्र में भी सत्ताधारी दल में एक नए नेता की इंट्री हुई है। रईस चिड़ीमार के नाम से जुर्म की दुनिया में नशे का समान, प्रतिबंधित वन्य जीवों की तस्करी और अवैध हथियारों के अवैध कारोबार में लिप्त इस अपराधी के खिलाफ विभिन्न थानों में आधा दर्जन से भी ज़्यादा मुकदमा दर्ज है। अल्पसंख्यक मोर्चा के रास्ते पार्टी में दाखिल होने वाले इस अपराधी की हिस्ट्रीशीट खुलती इससे पहले मौके को भांप कर रईस ने पाला बदल लिया और समाजवादी पार्टी को अलविदा कर सत्ता का दामन थाम लिया।
रईस के आपराधिक इतिहास की बात करें तो गैंगेस्टर समेत चार मुकदमें सिर्फ राजघाट थाने में दर्ज हैं जबकि कोतवाली थाने में दो मुकदमा और वन विभाग गोरखपुर द्वारा वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत एक मुकदमा दर्ज है।
रईस चिड़ीमार की दबंगई का आलम ये है कि तमाम गैरकानूनी कामों में लिप्त रहने के बावजूद हमेशा सत्ता के संरक्षण में रहा। पहले समाजवादी पार्टी और अब भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के ज़रिए सत्ता का लाभ लेने की फ़िराक़ में है।
अब जब एक छुटभईय्या अपराधी रईस ने भाजपा के तमाम पदाधिकारियों को गुमराह कर सत्ता का नकली लबादा ओढ़ लिया है तब उसकी हिस्ट्रीशीट खोलने की तैयारी लगभग पूरी कर चुकी कोतवाली पुलिस बैकफुट पर दिखाई दे रही है जो कही न कहीं रईस जैसे अपराधियों को सत्ता का चोला ओढ़ने के लिए प्रेरित करेगा। जिसका खमियाजा ये होगा कि भाजपा का हाल भी समाजवादी पार्टी जैसा होगा, क्योंकि कही न कहीं आम जनता ने सपाई अपराधियों के खिलाफ भाजपा का समर्थन किया और प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हो गया।
सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि कभी पुलिस से लुकाछिपी का खेल खेलने वाला ये अपराधी अब पुलिस की आंखों में आंखें डालकर दूसरों की शिकायत कर रहा है ताकि उसकी काली करतूतों पर पर्दा पड़ा रहे।
वहीं दुसरी ओर पुलिस विभाग जिसके पास तमाम आधुनिक संसाधन और अभिसूचना जैसा विभाग मौजूद हैं जो किसी भी अपराधी की कुंडली तैयार कर सकता है लेकिन फिर भी रईस जैसे अपराधी समाज में पल बढ़ रहे हैं