GAYA आयुर्वेद हमारी सांस्कृतिक पहचान है
GAYA आयुर्वेद हमारी सांस्कृतिक पहचान है
महाबोधी सांस्कृतिक केंद्र, बोधगया (बिहार) में पाटलीपुत्र राष्ट्रीय संभाषा सह नेत्र रोग कार्यशाला का आयोजन विश्व आयुर्वेद परिषद ने किया। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्यातिथि आदरणीय राज्यपाल महामहिम श्री राजेन्द्र विश्वनाथ अर्लेकर महोदय, श्री वेंकटेश प्रयन्नाचार्य जी महाराज(संरक्षक), वैद्य गोविन्द सहाय शुक्ल(राष्ट्रीय अध्यक्ष), वैद्य योगेश चन्द्र मिश्र (राष्ट्रीय संगठन सचिव), वैद्य प्रजापति त्रिपाठी (कार्यक्रम अध्यक्ष), वैद्य राहुल साह (प्रांतीय अध्यक्ष), वैद्य शिवादित्य ठाकुर (राष्ट्रीय सचिव), वैद्य सुशिल झा (प्रांतीय मीडिया प्रमुख) ने दीपप्रज्वलन कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
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महामहिम ने अपने उद्बोधन में कहा कि आप अनेक विविध विषयों पर विमर्श करेंगे चर्चा करेंगे समस्यायें कुछ समकालीन हैं और इन्ही समस्याओं को लेकर आप समाधान तक जाने का प्रयास करेंगे हमेशा ही समाधान मिलता है। आयुर्वेद एक पूर्ण विकसित परंपरा है, मुझे लगता है मैं और आप सभी बहुत ही भाग्यशाली हैं जो आयुर्वेद से सेवा करने का अवसर हमें मिला। आज की तारीख में दुनिया भर में आयुर्वेद के लिए मान्यता बढ़ रही है। अगर हम हल्दी का ही उपयोग देखते हैं तो विदेशों में भी आज वहां गोल्डन ड्रिंक के तौर पर मार्केटिंग करके उसका पैटर्न लेने का प्रयास होता है जबकि यह सब हमारी संस्कृति की देन है।
उपरोक्त जानकारी प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ बिपिन बिहारी ने दी। डॉ बिहारी ने कहा कि राष्ट्रीय संभासा के प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र, सम्मान पत्र व पुरुस्कार राशि प्रदान कर सम्मानित किया गया। सम्मानित प्रतिभागियों में प्रथम पुरस्कार स्वरूप किशन कुमार को ₹10000 , नितेश्वर आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज की छात्रा तृप्ति दीक्षित को द्वितीय पुरुस्कार, द्वितीय पुरस्कार इंद्रसेन कुमार को 7500 रुपया, तृतीय पुरस्कार हिसार हरियाणा की ऋचा कुमारी को ₹5000 रुपये नगद व स्वामी राघवेंद्र त्रिचण्डी आयुर्वेद कॉलेज की तनु प्रिया, श्री मोती सिंह योगेश्वरी महाविद्यालय छपरा की छात्रा दीपू कुमारी एवं दयानंद आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज सिवान के छात्र अभिषेक कुमार मिश्रा को पुरस्कृत किया गया। मैं सम्पूर्ण विश्व आयुर्वेद परिषद का हृदय से धन्यवाद देता हूँ कि इस तरह के कार्यक्रम के माध्यम से आयुर्वेद के विद्यार्थियों व चिकित्सकों का मनोबल बढ़ाने का कार्य कर रहा है। आज आयुर्वेद को पूर्ण जागरूकता के साथ जन जन तक पहुंचाने का संकल्प अत्यंत आवश्यक है।
कार्यक्रम में प्रांतीय उपाध्यक्ष आलोकनाथ त्रिपाठी, महासचिव डॉ सुधांशु शेखर त्रिपाठी, कार्यक्रम सचिव वैद्य विनोद कुमार शर्मा, डॉ अध्यक्ष डॉ रमेश कुमार सिंह, डॉ विनोद कुमार, सचिव डॉ रितेश कुमार वर्मा, डॉ उषा कुमारी( महिला प्रकोष्ठ प्रमुख), डॉ बलराम, डॉ प्रभात द्विवेदी शिक्षक प्रकोष्ठ प्रमुख, जिला मीडिया प्रभारी डॉ विकास कुमार शर्मा, डॉ अरविन्द कुमार, डॉ वी के राय, डॉ मुरारी मिश्रा, डॉ अरुण पाण्डेय, डॉ पप्पू सिंह, डॉ अजय कृष्ण, डॉ प्रमिला, डॉ सुधा कुमारी, डॉ दीपक कुमार, डॉ मनोरमा भारती, डॉ कादम्बनी, डॉ पंकज, डॉ रीता वर्मा, डॉ देवेंद्र पाण्डे, डॉ विकास कुमार, डॉ दिवाकर पाण्डेय, डॉ शिमान्त सौरभ, डॉ शशिरंजन, डॉ विकेश, डॉ अनिल, डॉ नरेंद्र कुमार, डॉ भास्कर, डॉ अंकेश मिश्र, डॉ उदय मिश्र, डॉ राहुल कुमार साह, वैद्य सन्तोष कुमार सिंह, वैद्य मंजू कुमारी आदि उपस्थित रहे।
त्रिलोकी नाथ ब्यूरो हेड गया
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