ऐतिहासिक रहा गणगौर शोभायात्रा एवं सम्मान पुरस्कार समारोह
ऐतिहासिक रहा गणगौर शोभायात्रा एवं सम्मान पुरस्कार समारोह
न्यूनिमाड मप्र
संवाददाता गोपाल आंजना
गणगौर नवरात्रि की तीज पर गणगौर एवं तखत रथ पंरपरा को जीवित रखने, युवाओं को अपनी सांस्कृतिक परंपराओं के लिए प्रोत्साहित करने एवं आने वाली पिढियों को हमारी संस्कृति के लिए तैयार रहने के लिए अखिल भारतीय सौभाग्यशाली आभास मित्र मंडल द्वारा पिछले पांच वर्षों से मंडवाडा में आसपास के गावों से आने वाले तखत रथों का सम्मान करते हुए नगद पुरस्कार से सम्मानित किया जाता रहा है! गणगौर महोत्सव में तीन गाँव;ग्राम पान्या, तक्यापुर मोहीपुरा की तखत रथ संचालन समितियों द्वारा तखत रथ सोभायात्रा शुरू करने पर आभास मित्र मंडल द्वारा तीनों गाँव की संचालन समितियों का सम्मान करते हुए 11-11 हजार रुपये की नगद राशि से सम्मान किया गया था! इस सम्मान पुरस्कार से प्रेरित होकर 24 मार्च को एक और ग्राम मुंड्यापुरा से तखत रथ संचालन समीति द्वारा चौथा तखत रथ शामिल होने से महोत्सव में चार तखत रथ संचालन समितियों को आभास मित्र मंडल द्वारा 11-11 हजार रुपये की नगद राशि के साथ ही आकर्षित करने के लिए प्रिंटेड चैक और ट्राफियों से सम्मानित किया गया! गणगौर महोत्सव निमाड़ की सदियों पुरानी एतिहासिक धार्मिक परंपरा है!
पहले निमाड़ के राजपुर क्षेत्र में गाँव गाँव गणगौर माता के लिए तखत रथ निकाले जाते थे, परंतु यह परंपरा धिरे धिरे विलुप्त हो गई है, केवल मंडवाडा में आसपास के गाँव के धर्मप्रेमियों द्वारा साहसिकता दिखाते हैं!
आभास मित्र मंडल द्वारा गणगौर महोत्सव में तखत रथ परंपरा को फिर से पुरे क्षेत्र में पुनर्जीवित करने के लिए तथा राजपुर, खजूरी, रणगांव डेब, देवलां आदि धर्मस्थलों पर गणगौर महोत्सव में तखत रथ के लिए ग्रामवासियों को उत्साहित करने के लिए इस वर्ष एक नया प्रयास किया गया है! आभास मित्र मंडल के संयोजक डॉ लोणूसिंह सोलंकी कुलसचिव, डॉ बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय महू एवं सहसंयोजक इंजी. हिरदाराम चौहान को बधाइयाँ दी गई और आगे भी ऐसे प्रयास जारी रखने के लिए शुभकामनाएँ दी गई!