बिशप आवास ना ख़ाली करने पर दर्ज हो सकती एफआईआर। अवैध नियुक्त बेटी को भी किया जाएगा निष्कासित

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प्रयागराज। डायोसिस ऑफ लखनऊ सीएनआई का निष्कासित बिशप पीटर बलदेव इन दिनो संस्था के गले की हड्डी बन चुका है। सचिव मनीष ज़ैदी के जारी पत्र के बाद यह माना जा रहा था कि, पीटर बलदेव अपना अवैध क़ब्ज़ा बिशप आवास से हटा लेगा पर ऐसा हुआ नहीं । हालाँकि अभी मियाद पूरी होने में ४ दिन और शेष हैं और कुछ भी सीधे तौर से नहीं कहा जा सकता, पर अब तक के हालातों को देखते हुए ऐसा लग नहीं रहा कि पीटर बलदेव बिशप आवास से अपना अवैध क़ब्ज़ा हटायेगा। वहीं सूत्रों की माने तो पीटर बलदेव और उसकी पुत्री पारुल सोलोमन हर प्रकार का क़ानूनी हथकंडा अपनाने के लिए अपने सलाहकार पिंटू तिवारी के चक्कर काट रहे हैं । दोनों को उम्मीद है कि उनका सलाहकार पिंटू तिवारी उनकी मदद करेगा और इसके लिए यह दोनों डायोसिस के स्कूल का पैसा पानी की तरह बहा रहे हैं । यह तो साफ़ है कि बिना आर्थिक तौर से मजबूत हुए उनके लिए यह लड़ाई लड़ पाना मुश्किल है । लेकिन फ़िलहाल पीटर बलदेव को आर्थिक मदद उसकी बेटी के स्कूल से मिल रही है। जानकारों की माने तो यदि पीटर बलदेव की आर्थिक स्रोत पर विराम लगाया जाए तो वह कहीं का नहीं रह जाएगा। उसने अपनी बेटी की अवैध नियुक्ति शायद इसी दिन के लिए ही कर दिया था। पीटर बलदेव से बिशप आवास ख़ाली कराना अब सीएनआई और प्रिन्सिपल राकेश छत्री के लिए एक चुनौती बना हुआ है। वहीं दूसरी तरह डायोसिस ऑफ लखनऊ की कलीसिया ने छत्तीसगढ़ के सचिव नितिन लॉरेंस से पीसी सिंह के तर्ज़ पर पीटर बलदेव के ख़िलाफ़ कार्यवाही की माँग किया है। लखनऊ डायोसिस के अनूप बेंजामिन नें पूरे मामले में सचिव नितिन लॉरेंस तथा प्रिन्सिपल राकेश छत्री से संज्ञान लेने का आग्रह किया है।

आलोक द्विवेदी की रिपोर्ट

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