#शहर की एक ग्रेड की मंडी में किसानों को नहीं मिल रहा है भोजन

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मंडी परिसर के अंदर महीने पहले डाली सड़क की हो गई दुर्दशा अब गढ़ों में तब्दील मंडी के सचिव ने कहा अगर मंडी के अंदर बकरी और गाय घूम रही है तो करेंगे शक्ति, अब कुत्ता भी नहीं दिखेगा आपको मंडी सेक्रेटरी बोले मंडी में कैमरे (9 )चालू है ,लेकिन पीछे से आवाज आई कि नहीं (20) चालू है मंडी परिसर में भोजन न मिलने से परेशान किसान, मंडी के अंदर समोसा पपड़ी और मूंगफली खरीद कर मिटाते हैं अपनी भूख
शहर की कृषि उपज मंडी मध्य प्रदेश की दूसरे नंबर की मंडी है वहीं इस मंडी को ए ग्रेड का दर्जा भी मिला हुआ है बासौदा मंडी के व्यापारी भी नगद में किसानों की उपज खरीदते हैं इसलिए इस मंडी में कई जिले और आसपास के क्षेत्र के किसान बड़ी तादात में अपनी उपज लेकर आते हैं लेकिन मंडी में पिछले कई दिनों से कैंटीन बंद है यानी किसानों को भोजन नहीं मिल रहा है कई किलोमीटर दूर चलकर किसान अपनी उपज बेचने के लिए आता है और केंटीन पर ( 5) रुपए में भोजन कर लेता था लेकिन केंटीन बंद होने से किसान को मूंगफली खाकर अपनी उपज बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है इतना ही नहीं मंडी परिसर में गाय और बकरियां घूमती दिख रही हैं हाल ही में मंडी परिसर के अंदर कुछ महीना पहले रोड बनवाया गया था लेकिन अब वह उखड़ने लगा है वही इस समस्या के बारे में मंडी के सेक्रेटरी का कहना है कि भोजन का टेंडर खत्म हो गया है चुनाव आचार संहिता के बाद ही भोजन व्यवस्था चालू हो सकेगी वहीं उन्होंने कहा कि अगर मंडी के अंदर बकरी और गाय घूमती दिखती है तो मैं शक्ति करवाऊंगा और एक कुत्ता भी मंडी परिसर में नजर नहीं आएगा, लेकिन इतनी बड़ी मंडी में बड़ी तादात में गार्ड की तैनाती मंडी द्वारा की गई है और गार्ड व्यवस्था संभाले हुए हैं तो फिर बकरी और गाय मंडी परिसर में कैसे घूम रही हैं यह सोचने वाली बात है गंजबासौदा की कृषि उपज मंडी में किसानों के लिए (5 )रुपए में मिलने वाला भोजन नहीं मिल रहा है क्योंकि मंडी में कैंटीन ही बंद है उसका टेंडर खत्म हो गया है (70 )किलोमीटर दूर से आने वाले किसान को यह पता ही नहीं की मंडी में भोजन नहीं मिल रहा वह ट्रैक्टर ट्राली भरकर मंडी में उपज बेचने आ जाते हैं लेकिन जब किसानों को मंडी की कैंटीन में ताला लगा मिलता है तो वह हैरान हो जाते हैं क्योंकि दूर-दूर तक खाने का इंतजाम नहीं है वही मंडी प्रांगण के अंदर समोसे, पपड़ी और मूंगफली बेचने वालों से लेकर किसान अपनी उपज बेचने के इंतजार में भूख मिटा लेते हैं मंडी के अंदर कुछ महीनों पहले डाला हुआ रोड भी उखाड़ने लगा है वही रोड बनने की गुणवत्ता बहुत अच्छी तरह से आंकी जा सकती है जिम्मेदारों ने किस तरह मॉनिटरिंग की होगी और रोड अच्छा बताया होगा जो कुछ दिनों बाद ही उखड़ने लगी है वही मंडी परिसर में एक गाय किसान की उपज खाती दिखाई दे रही है बकरियां घूमती दिखाई दे रही हैं समोसे और मूंमफली के ठेले अंदर परिसर में घूम रहे हैं यानी बड़ी तादाद में मंडी में तैनात किए गए मंडी के गार्ड किस तरह व्यवस्था को संभाले हुए हैं यह आलम देखकर आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं कि गार्ड गाय को भागा तक नहीं रहे हैं इतना ही नहीं मंडी की नीलामी भी किस ढंग से होती है कैमरे में कैद हुई तस्वीरों से आप खुद देख सकते हैं जब मंडी की समस्या को लेकर हमने मंडी के सचिव से बात की तो उन्होंने भोजन न मिलने पर आचार संहिता का हवाला दे दिया जबकि मंडी में सितंबर महीने से कैंटीन का टेंडर खत्म हो गया है और तब से ही खाना किसानों को नहीं मिल रहा दूसरी तरफ गाय और बकरी की घूमने होने पर उन्होंने कहा कि अब कुत्ता भी नजर नहीं आएगा, देखना यह होगा की मंडी की व्यवस्था अब सुधरेगी या साहब का आदेश हवा हवाई होगा

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