अल्प वर्षा के कारण सोयाबीन की फसल में भारी नुकसान, मुरझाने के साथ ही पीली पड़ने लगी फसल
अल्प वर्षा के कारण सोयाबीन की फसल में भारी नुकसान, मुरझाने के साथ ही पीली पड़ने लगी फसल
देवास। कन्नौद पानी की कमी के कारण क्षेत्र की एक मुख्य खरीफ फसल सोयाबीन क्षेत्र में बोई जाती है, जो किसानों की नगद फसल कहलाती है, लेकिन 8-10 दिन से बारिश नहीं होने के कारण सोयाबीन की फसल सूखने की कगार पर है, अभी तक क्षेत्र में लगभग 30-40 परसेंट नुकसान हो चुका है, बारिश नहीं होने से सोयाबीन में ईल्ली का प्रकोप भी बहुत बढ़ गया है, अगर एक-दो दिन और बारिश नहीं होती तो सोयाबीन की फसल एकदम नष्ट हो जाएगी, भारतीय किसान संघ तथा तहसील अध्यक्ष ओमप्रकाश टांडी सरकार से मांग करते हैं कि क्षेत्र में जल्दी सर्वे करा कर मुआवजा राशि एवं बीमा राशि किसानों को दी जाए। उधर कृषि एस ए डी ओ दिनेश भावसार ने बताया कि कन्नौद तथा सतवास तहसील में बारिश की कमी के कारण सोयाबीन फसल की हालत बहुत खराब है, किसानों को स्पिंगलर से पानी देने की सलाह दी गई है, अभी फिलहाल सोयाबीन की फली में दाना काफी बारिक है। गत वर्ष 1 जून 2022 से 31 अगस्त 2022 तक 1201 मिलीमीटर, करीब 48 इंच, बारिश हुई थी। जबकि 1 जून से इस वर्ष 31 अगस्त 2023 तक 574.40 मिलीमीटर कुल 23 इंच बारिश ही हुई है जो गत वर्ष की तुलना में 25 इंच कम है। कन्नौद तथा सतवास तहसील दोनों को मिलाकर सोयाबीन का कुल रकबा 56 हजार 774 हेक्टर है, जिसमें कन्नौद में24 हजार819 हेक्टर तथा सतवास में 31 हजार 955 हेक्टर में सोयाबीन की फसल बोई गई है। सोयाबीन की फलियों में दाना बहुत बारिक है, यदि एक-दो दिन में बारिश नहीं हुई तो फसलों की स्थिति काफी दयनीय हो जाएगी। किसानों का कहना है कि दोपहर में फसल की हालत ऐसी हो जाती हैं जिसे किसान देख नहीं सकता है। वैसे इस बार सोयाबीन की फसल काफी अच्छी थी लेकिन इंद्र देवता की बेरुखी के कारण फासले मुरझाने के साथ पीली पड़ने लग गई है।
