...

दमोह कड़ी मेहनत और लगन से छोटे से गांव के युवा का यूपीएससी में चयन

0

कड़ी मेहनत और लगन से छोटे से गांव के युवा का यूपीएससी में चयन
बटियागढ़ के बेली गांव के अनुभव जैन ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में पाई 485वी रैंक
दमोह। हो अगर हौसला, राहे कठिन कितनी भी हो, परिश्रम से मुसाफिर मंजिल पा ही लेता है। जिले के बटियागढ़ ब्लॉक के एक छोटे से गांव बेली के नौजवान ने वह कर दिखाया जो हर युवा का सपना होता है। बटियागढ़ ब्लॉक के ग्राम बेली के शिक्षक के बेटे 27 वर्षीय अनुभव जैन ने अपनी लगन और मेहनत के दम पर देश के सबसे कठिन कहे जाने वाले यूपीएससी सिविल सर्विसेज परीक्षा मैं सफलता हासिल की है। हाल ही में संघ लोक सेवा आयोग द्वारा जारी सिविल सर्विसेज परीक्षा 2022 के परिणामों में अनुभव जैन ने देश में 450वी रैंक हासिल है। जैसे ही संघ लोक सेवा आयोग द्वारा परिणाम घोषित हुए एवं अनुभव का स्थान 485 वे नंबर पर देख कर उनके गांव में जश्न सा माहौल निर्मित हो गया। माता पिता सहित अन्य रिश्तेदारों द्वारा अनुभव को बधाइयां देने का क्रम शुरू हो गया। बेटे की सफलता की खबर सुनकर माता अर्चना जैन एवं पिता महेंद्र जैन की खुशी का पार नहीं रहा। एक छोटे से गांव से निकलकर आज अनुभव एक बड़े अफसर बनने जा रहे है। अनुभव के पिता प्राइमरी टीचर है। अनुभव ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता पिता सहित पूरे परिवार को दिया। माता पिता एवं दादा दादी के आशीर्वाद से ही मुझे ये सफलता मिली ऐसा अनुभव कहते है।
अनुभव की प्राथमिक शिक्षा हटा नगर के महावीर मंदिर में हुई। इसके बाद वे कुछ समय नागपुर में रहे एवं हाई स्कूल व हायर सेकेंडरी की परीक्षा एक्सीलेंस स्कूल हटा से उत्तीर्ण करने के बाद इंजीनियरिंग में रुचि रखने वाले अनुभव अपनी आगे की पढ़ाई के लिए मंगलायतन विश्वविद्यालय अलीगढ़ उत्तर प्रदेश चले गए जहां से उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स में बीटेक किया। अपनी कॉलेज लाइफ के दौरान उन्हें यूपीएससी की जानकारी मिलती रही एवं उन्होंने इसी बीच तैयारी शुरू कर दी। इंजीनियरिंग के अंतिम वर्ष में उन्होंने नौकरी ना कर सिविल सर्विसेज की तैयारी करने का निर्णय लिया। अनुभव का यह सातवां अटेम्प्ट था एवं दूसरी बार इंटरव्यू दिया जिसमें सफलता मिल गई। सिविल सेवा 2022 के परिणामों में उनकी रैंक 485 रही है जिससे उनको आईपीएस आईआरएस मिलने का अनुमान है। उन्होंने इंडियन फॉरेस्ट सर्विस का भी एग्जाम दिया था जिसका इंटरव्यू होना है। अनुभव कहते हैं की यदि लक्ष्य बना लिया जाए तो फिर पीछे नहीं हटना चाहिए। उन्होंने अपने सफ़र से यही सीखा। कॉन्फिडेंस और डिटरमिनेशन सफलता के सूत्र हैं।
बधाई देने बाले अनिवेश जैन, अरिहंत जैन (भाई) कालूराम जैन (दादा जी) रमेश जैन (बड़े पापा) पवन जैन (चाचा )सुनील जैन, मनोज जैन (मामा) सिद्धान्त जैन, सम्यक् जैन, अर्चित जैन सभी ने बहुत बहुत बधाई दी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Seraphinite AcceleratorOptimized by Seraphinite Accelerator
Turns on site high speed to be attractive for people and search engines.