भ्रष्टाचार में विकास खण्ड घुघली अव्वल, जल्द ही मिलेगा गोल्ड मेडल, कही पर मस्टरोल जरी है और मजदूर गायब हैं, तो कही पर विना काम पास हुए और बिना मस्टरोल जरी हुए ही एडवांस में कराये जा रहे है काम |

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गिरिजानन्द शर्मा

ब्यूरो प्रमुख-महराजगंज

महराजगंज/घुघली | वैसे तो मनरेगा में आये दिन कही ना कही भ्रष्टाचार और घोटाला देखने को मिलाता ही रहता है यह कोई नयी बात नहीं है, परन्तु यह आप को अन्य विकास खंडो में कभी कभार ही देखने को मिलेगा लेकिन यदि वही बात करे घुघली विकास खण्ड कि तो आप जहाँ जायेंगे वहां आपको वहां भ्रष्टाचार देखने को मिलेगा |
ऐसा ही एक मामला विकास खण्ड के एक ग्राम सभा टेढ़वा से निकल कर आया है जहाँ पर “टेढ़वा में विनोद के घर से पुर्नवासी के खेत तक चक मार्ग पर मिटटी कार्य” तथा “टेढ़वा में नहर से सुदर्शन राय के के खेत तक cc रोड/interlocking कार्य” चल रहा था जिसमे कुल 22 मजदूरों की हाजिरी लगी हुई है जिसकी जाँच करने जब जब चाणक्य न्यूज़ इण्डिया की टीम 4 सितम्बर को मौके पर पहुची तो पता चला कि यह कार्य तो 10 दिन पूर्व में ही समाप्त हो गया है तथा वतर्मान में कही पर कोई काम नहीं चल रहा है और न ही कही पर मजदूर लगाये गए है |अब आप समझ सकते है कि जो काम 10 दिन पहले ही समाप्त हो गया हो और मस्टरोल 10 दिन आगे तक चल रहा हो बिना मजदूरों के, उसका पैसा कहा जायेगा और किन-किन लोगों में बटेगा |

बात अभी यही समाप्त नहीं होती है एक मामला ग्राम सभा भिस्वा उर्फ़ कोटिया का भी है जहाँ पर बिना काम पास हुए और बिना मस्टरोल जारी हुए ही “रामदरश के घर से छेदी के घर होते बैजनाथ के खेत तक इंटरलॉकिंग कार्य” लगभग 3 हिस्सा काम समाप्त हो चुका है और ब्लाक के अधिकारीयों को इसकी भनक तक नहीं है | अब आप खुद सोचिये कि बिना काम पास हुए आखिर किस आधार पर हो रहा है, जैसे कार्य का मानक क्या है, कितनी मोती गिट्टी पड़नी चाहिय, उसकी लम्बाई चौड़ाई क्या होनी चाहिए, कितने मजदूर होने चाहिए बिना इन सब की गणना किये ही काम कराना क्या उचित है ? आखिर बाद में किस आधार पर मजदूरी का भुगतान तथा मटेरियल का भुगतान होगा ? इससे यह साफ़ जाहिर हो रहा है कि इस कार्य में कम मटेरियल का प्रयोग कर अधिक मात्र दिखाकर तथा कम मजदूर लगाकर बाद में अधिक मजदूर दिखाकर भुगतान होगा | आखिर इस प्रकार के भ्रस्ताचार किनके सहयोग से हो रहा है और कौन कौन लोग इसमे सम्मिलित है जिनके दम पर ग्राम प्रधान इस तरह से खुलेआम भ्रष्टाचार कर रहे है ? इन तथ्यों की जाँच किया जाना अति आवश्यक है |
अब देखना यह है कि बावजूद इसके इन कार्यों की जाँच होती है या नहीं तथा इस प्रकार के भ्रष्टाचार में कौन कौन लोग लिप्त हैं उन लोगों पर वरिष्ठ अधिकारीयों द्वारा क्या कार्यवाही की जाती है ? या मामले को दरकिनार कर ठन्डे बस्ते में फेक दिया जाता है |

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