अपने ही जाल में उलझ गए छतरपुर खाद्य निरीक्षक अमित वर्मा

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अपने ही जाल में उलझ गए खाद्य निरीक्षक अमित वर्मा , उन्होंने अकेले मारा था अशोक नामदेव की एजेंसी में छापा

एक सप्ताह से विवादों के बाद दूसरी बार सील की गई दुकान एक्सपायरी माल की पुष्टि

गांजा और डीवीआर गायब होने पर संदेह बरकरार

छतरपुर। अपनी विवादित कार्यवाहियों के कारण जिले के खाद्य एवं औषधि निरीक्षक अमित वर्मा एक मामले में उलझते जा रहे हैं। 20 जून को उनके द्वारा शहर के सरानी दरवाजा इलाके में राकेश नामदेव एजेंसी पर अकेले जाकर ही छापामार कार्यवाही कर दी गई थी। इस कार्यवाही के दौरान कथित रूप से राकेश एजेंसी के भीतर गांजा बरामद हुआ था लेकिन कार्यवाही के बाद अमित वर्मा की रहस्यमयी चुप्पी ने इस मामले में संदेह पैदा कर दिया। लगातार मीडिया के द्वारा इस कार्यवाही पर सवाल उठाए गए तो 26 जून को एक बार फिर अमित वर्मा ने राकेश एजेंसी के सील किए गए गोदाम को राजस्व और पुलिस टीम के साथ दोबारा खुलवाया और यहां पकड़े गए एक्सपायरी माल की पुष्टि करने के बाद गोदाम को दोबारा सील कर दिया। अमित वर्मा की इस कार्यवाही पर कई सवाल उठ रहे हैं।
आज दोबारा क्यों हुई कार्यवाही
जो कार्यवाही राकेश नामदेव एजेंसी पर 20 जून को हो चुकी थी ठीक वही कार्यवाही 26 जून को दोबारा की गई। अंतर सिर्फ इतना है कि 20 जून को अमित वर्मा ने अकेले जाकर ही दुकानदार के गोदाम पर कार्यवाही करते हुए यहां एक्सपायरी माल पकडऩे के बाद चुपचाप किनारा कर लिया था। जब मीडिया ने कार्यवाही पर सवाल उठाए तो 26 जून को दोबारा वही कार्यवाही की गई। इस बार कार्यवाही में सिर्फ ये फर्क था कि अमित वर्मा के साथ छतरपुर की नायब तहसीलदार एवं पुलिस की टीम मौजूद थी। गोदाम से एक्सपायरी माल की जानकारी लेने और इसके सेम्पल लेने के बाद इसे फिर से सील कर दिया गया। अब मंगलवार को यहां पकड़े गए एक्सपायरी माल को नष्ट करने की कार्यवाही की जाएगी।
इन सवालों में उलझे अमित वर्मा
अमित वर्मा द्वारा राकेश नामदेव एजेंसी पर की गई कार्यवाही कई मायनों में संदेहास्पद हो चुकी है।
20 जून को कार्यवाही के बाद इस कार्यवाही के संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित क्यों नहीं किया न ही इस कार्यवाही में पकड़ी गई सामग्री की जानकारी दी।
2.कुछ तस्वीरों में यह स्पष्ट हुआ था कि 20 जून को कार्यवाही के दौरान यहां से गांजे की खेप बरामद हुई थी लेकिन अमित वर्मा ने इस पर चुप्पी साध ली। उन्होंने कार्यवाही के दौरान पुलिस को भी मौके पर नहीं बुलाया। आखिर क्यों?

  1. जिस गोदाम पर कार्यवाही की गई थी वहां सीसीटीव्ही कैमरे लगे हुए हैं लेकिन तब सीसीटीव्ही कैमरों का डीवीआर जब्त नहीं किया गया। 26 जून को गोदाम संचालक ने कह दिया गया कि हमारा डीवीआर और कैमरे खराब हैं आखिर तस्वीरें छिपाकर कौन सा राज छिपाया जा रहा है।
  2. खाद्य निरीक्षक अमित वर्मा सीएमएचओ डॉ.लखन तिवारी के अधीन काम करते हैं। उन्हें भी कार्यवाही के संबंध में कई दिनों तक सूचित नहीं किया गया जिसके कारण उन्होंने सार्वजनिक रूप से मीडिया कैमरों के सामने अमित वर्मा को फटकार लगाई थी।
  3. इस कार्यवाही के दौरान लाखों के लेनदेन के आरोप सामने आए हैं। चर्चा है कि कार्यवाही के दौरान पकड़े गए गांजे को छिपाने और हल्की कार्यवाही के लिए व्यापारी द्वारा पैसे का वितरण किया है।
    सागर संभाग हेड चक्रेश मिश्रा

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