chatarpur #बक्स्वाहा जंगल बचाओ आंदोलन को मिली सफलता

छतरपुर जिले के बक्सवाहा जंगल बचाओ आंदोलन के संस्थापक सदस्य और बुंदेलखंड प्रभारी दिलीप शर्मा “दीपू दादा बड़े किसान” द्वारा आज शहर के होटल तुलसा इन में एक पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया ,जिसमें बकस्वाहा जंगल बचाओ आंदोलन के संबंध में जानकारी देते हुए बताया गया कि छतरपुर जिले के बकस्वाहा में कुछ वर्षों पूर्व हीरा की खोज की गई थी जिसमें बकस्वाहा जंगल के अंतर्गत लाखों की संख्या में वृक्षों को काटने का लक्ष्य रखा गया था जिसको लेकर बकस्वाहा जंगल बचाओ आंदोलन चलाने की रणनीति बनाई गई और धरना, प्रदर्शन ,उपवास ,वृक्ष पूजन पदयात्रा गांव गांव में निकाली गई और जमीन से लेकर न्यायालय तक की लड़ाई जारी है। इसमें लोगों का भारी जनसमर्थन मिला और हमारे द्वारा वहां पर पूरे जंगल क्षेत्र का सर्वे किया गया जिसमें जीव जंतुओं की गणना, और वहां पर मिलें शैलचित्रो की गणना , जंगल से जीवन यापन करने वाले परिवारों की गणना,सहित लाखों की संख्या में बहुमूल्य वृक्ष पाए गए हमारे संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा सदाचारी सिंह तोमर द्वारा पूरे देश में बकस्वाहा जंगल बचाओ आंदोलन के संबंध में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें पर्यावरण विद और बड़ी संख्या में पर्यावरण मित्र हमारे आंदोलन से जुड़े, इन सब से घबरा कर माइनिंग का कार्य कर रही भारत की दिग्गज कंपनी एस्सेल माईनिंग बिरला ग्रुप ने अपना हाथ पीछे खींच लिया जिससे आज हमारे आंदोलन के साथ-साथ पूरे जिले के बच्चे बच्चे की जीत हुई और लाखों वृक्ष कटने से बच गए।
पंडित दिलीप शर्मा दीपू दादा बड़े किसान ने कहा कि अभी हमारा आंदोलन जारी रहेगा हमारी मांग है कि यदि हीरा निकलना आवश्यक ही है,तो जो भी हीरा खनन कंपनी माइनिंग का कार्य करे ,वह अंडर ग्राउंड खुदाई करते हुए हीरा को निकालने का काम करे । ताकि हमारा पर्यावरण और जंगल सुरक्षित रहे। एवं पन्ना टाइगर रिजर्व का “लाइन कॉरिडोर”, भीमकुंड जैसे दिव्य और प्राकृतिक स्थल को ना छुआ जाए। और हीरा खदान से प्राप्त होने वाले राजस्व में से छतरपुर जिले को तीसरा हिस्सा दिया जाए, क्योंकि उस हीरा खदान से प्राप्त होने वाले राजस्व में छतरपुर जिले का पूरा-पूरा अधिकार है। बकस्वाहा जंगल बचाओ आंदोलन के संस्थापक सदस्य पंडित दिलीप शर्मा ने बताया कि आंदोलन के दौरान हमारे दो साथियों की मृत्यु भी हो चुकी है ,जिनमें लल्ला बाई स्वतंत्रता संग्राम सेनानी,गनेश सिंह शामिल हैं। वहीं उन्होंने आंदोलन में शामिल सभी सदस्यों और पदाधिकारियों के साथ-साथ समस्त छतरपुर जिले को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए आंदोलन की पहली सफलता पर बधाई और शुभकामनाएं दीं हैं। पत्रकार वार्ता में बकस्वाहा जंगल बचाओ आंदोलन के संस्थापक सदस्य एवं बुंदेलखंड प्रभारी दिलीप शर्मा दीपू दादा बड़े किसान, रणधीर सिंह (पाय), देवेन्द्र सिंह कछवाहा, मयंक सिंह ( मिकूं),साकिर जमाल अहमद,राम अवतार शर्मा, संजय सिंह, छत्रपाल सिंह, रामू भट्ट सहित बड़ी संख्या में प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक मीडिया के पत्रकार बंधु मौजूद रहे।।