तहसीलदार सुनील वर्मा के द्वारा न्यायालय को गुमराह कर ग्रीन टिव्यूनल के आदेश की उड़ा रहे है

*तहसीलदार सुनील वर्मा के द्वारा न्यायालय को गुमराह कर ग्रीन टिव्यूनल के आदेश की उड़ा रहे है धज्जियां**विनोद अग्रवाल*छतरपुर। छतरपुर तहसीलदार सुनील वर्मा जब से छतरपुर तहसील में पदस्थ हुए हैं तभी से वह विवादित होते जा रहे हैं। पहले तहसील के सभी कर्मचारियों ने लामबंद होकर तहसीलदार के खिलाफ बिगुल फंूका था। उसके बाद अधिवक्ता संघ ने बीते रोज एक रैली निकालकर सागर रोड पर चक्काजाम कर तहसीलदार का खुला विरोध किया है। गौरतलब हो कि तहसीलदार सुनील वर्मा ने बीते रोज ग्रीन टिव्यूनल के हवाला देकर महावीर विश्रांती भवन की 9 दुकानों को बिना नोटिस एवं बिना समय दिए गिरा दिया और छुट्टी के दिन डीजे से एनाउंस कराया गया कि ग्रीन टिव्यूनल के आदेश के अनुसार विश्रांती भवन की 9 दुकानों को गिराया जाएगा। और दूसरे ही दिन भारी पुलिस बल की मौजूदगी में सभी 9 दुकानों को गिरा दिया गया। जबकि वास्तविकता यह है कि महावीर विश्रांती भवन की तीन दुकानें ग्रीन टिव्यूनल के 9 मीटर की परिधी में आती थीं बाकी 6 दुकानें ग्रीन टिव्यूनल के आदेश के बाहर थीं। माननीय न्यायालय के आदेश के बाद सात विभागों की एक जांच कमेटी ने संयुक्त प्रतीवेदन कर किशोर सागर के अंदर और किशोर सागर के 9 मीटर के बाहर की कुछ संरचनाओं को चिन्हित किया गया था। परंतु यह अतिक्रमण आज दिनांक तक नहीं हटाया गया था। जिसमें किशोर सागर के अंदर बने सुलभ कॉम्पलेक्स, नगर न्यास सुधार की बिल्डिंग जो कि उपसंचालक सामाजिक न्याय विभाग के बगल में है। प्रबंधक प्रजापति ब्रह्मकुमारी आश्रम एवं विश्रांती भवन की तीन दुकानें इसके अलावा विश्रांती भवन में बनी पांच दुकानें जो कि मनोज कुमार अग्रवाल, विनोद कुमार अग्रवाल, शंकर कुमार पटेल, एवं रमेश चन्द्र अग्रवाल के नाम से तत्कालीन कलेक्टर एमके राउत के द्वारा खुली बोली लगाकर आवंटित की गई थीं। इन दुकानदारों को किसी प्रकार को कोई नोटिस नहीं दिया गया और न ही ये दुकानें ग्रीन टिव्यूनल के आदेश में आती थीं परंतु तहसीलदार सुनील वर्मा ने छतरपुर कोर्ट में चल रहे प्रकरण में कलेक्टर संदीप जी आर के पक्ष को रखने के लिए अतिक्रमण की फर्जी कार्यवाही कर दिखाने का प्रयास किया है। आज न्यायालय में 15 तारीख को इस संबंध में पेशी भी है। पिटीशन कर्ता डिप्टी कलेक्टर बीएल मिश्रा ने तहसीलदार के द्वारा जो अतिक्रमण की कार्यवाही की है उसे गलत बताया है। विश्रांती भवन के सभी दुकानदार इस संबंध में न्यायालय में सिविल कार्यवाही कर रहे हैं। इसके अलावा भी कई दुकानदार हाईकोर्ट में एक पिटिशन दायर कर न्यायालय के आदेश की धज्ज्जियां उड़ा रहे तहसीलदार के विरुद्ध पिटिशन दायर कर रहे हैं।
