डॉक्टर की मिलीभगत से हो रहा है दवाइयों की कालाबाजारी
सरकारी अस्पताल गुरसरांय मैं दवाएं उपलब्ध होने के बाद भी बाजार से लिखी जा रही दवाइयां, पीड़ित ने की प्रशासन से कार्यवाही की मांग
गुरसरांय (झांसी)। सरकारी अस्पताल में शासन के सख्त आदेशों के बाद भी शासन द्वारा सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध दबाए होते हुए भी डॉक्टर लोग दवाइयां मार्केट से अपने चहेते दुकानदारों को पर्ची लिखकर मोटे कमीशन के चक्कर में मरीजों और उनके साथ आए तीमारदारों के साथ खुल्लम खुल्ला लूट मचाए हुए हैं। 16 जून शुक्रवार को राजेश पुत्र चिंतामन निवासी सुभाष नगर गरौठा ने प्रभारी चिकित्सा अधिकारी गुरसरांय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डॉक्टर ओपी राठौर को आपबीती लिखित शिकायत करते हुए बताया है कि उसकी पत्नी मोनिका को लेकर गुरसरांय अस्पताल आया तो डॉक्टर साहब ने मुझे कुछ दवाइयां तथा इंजेक्शन बाहर से लाने को कहा लेकिन जब मैंने अस्पताल से पूछताछ की यह दवाइयां और इंजेक्शन क्या अस्पताल में उपलब्ध नहीं है तो बताया गया यह इंजेक्शन और दवाइयां अस्पताल में मौजूद हैं लेकिन डॉक्टर ने कमाई के चक्कर में अपने चहेते बाजार के एक दवा दुकानदार के यहां से लाने को यह पर्ची लिखी है लेकिन पीड़ित राजेश की मजबूरी थी कि उसे पत्नी का इलाज कराना था तो वह बाहर से दबाएं इंजेक्शन खरीद कर लाया इस प्रकार गुरसरांय में ठगी का यह पहला मामला नहीं है आए दिन जनता के साथ घोर अन्याय शासन के नियम विरुद्ध यहां तैनात डॉक्टरों द्वारा काम किया जा रहा है पीड़ित राजेश ने बताया गुरसरांय में यह दवाएं इंजेक्शन यहां तैनात डॉक्टर देवेंद्र बरैया ने लिखी थी इस संबंध में बाकायदा पीड़ित ने प्रार्थना पत्र के साथ डॉक्टर देवेंद्र बरैया द्वारा बाहर से लिखी गई पर्ची को भी शिकायती पत्र में संलग्न किया गया है।आज पीड़ित ने पत्रकारों के समक्ष आपबीती पूरी घटना के बारे में ए टू जेड जानकारी डॉक्टर ओपी राठौर प्रभारी चिकित्सा अधिकारी गुरसरांय को दी है और पीड़ित ने बताया की अगर इस संबंध में कार्यवाही नहीं हुई तो वह जिले से लेकर लखनऊ मुख्यालय तक आला अधिकारियों और प्रदेश के मुख्यमंत्री को गुरसरांय अस्पताल में हो रही गंभीर अनियमितताओं के बारे में ज्ञापन देगा।
गरौठा से राजकुमार मिश्रा की रिपोर्ट