सतवास नगर परिषद में भाजपा का कब्जा बरकरार

चाणक्य न्यूज़ इंडिया गणेश जयसवाल कन्नौद देवास
मंगलवार को सतवास में नगर परिषद अध्यक्ष का चुनाव भारी गहमागहमी के बीच संपन्न हुए। जिसमें भाजपा ने अपना कब्जा बरकरार रखते हुए इस बार एक वोट से बाजी मार ली है और नगर परिषद अध्यक्ष पद पर श्रीमती बलजीत कौर सतनामसिंह बग्गा की ताजपोशी हो गई है। अध्यक्ष पद को लेकर सुबह से ही गहमागहमी चल रही थी और दोपहर तक चले इस घटनाक्रम के बीच भाजपा को मिले एक वोट को लेकर कांग्रेस प्रत्याशी ने अपने आपत्ति दर्ज कराई थी दरअसल दोनों प्रत्याशियों को 7-7 वोट मिले थे और एक वोट भाजपा के समर्थन में था, किंतु उसमें एक से अधिक स्थान पर सील लगी थी, इसीलिए यह वोट विवादित हो गया था। कांग्रेसी नेताओं ने नारेबाजी करते हुए उक्त वोट को निरस्त करने की मांग की थी। जबकि भाजपा नेता इस मत को विधिमान्य मानते हुए जीत घोषित करने की मांग कर रहे थे। काफी देर चले हंगामे के बाद निर्वाचन अधिकारी ने भाजपा प्रत्याशी को नगर परिषद अध्यक्ष घोषित कर दिया। उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पूर्व हुए वार्ड क्रमांक 5 में पार्षद उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी लाला पटेल ने 100 वोट से जीत हासिल की थी। पटेल के चुनाव जीतने के बाद सतवास नगर परिषद में एक निर्दलीय प्रत्याशी सहित कांग्रेस के 8 पार्षद हो गए थे वहीं भाजपा के 6 व एक निर्दलीय
सहित 7 पार्षद थे। कांग्रेस समर्थित पार्षदों का बहुमत होने के कारण यह माना जा रहा था कि इस बार नगर परिषद अध्यक्ष पद पर कांग्रेस की जीत होगी, किंतु बहुमत होने के बाद भी कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है। इस हार से कहीं न कहीं हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व मंत्री दीपक जोशी की प्रतिष्ठा भी दांव पर लग गई है। जोशी समर्थक यह मानकर चल रहे थे कि जोशी के कांग्रेस में आने के बाद बागली व कन्नौद खातेगांव क्षेत्र में होने वाले चुनाव में कांग्रेस को बढ़त हासिल होगी, किंतु इस हार के बाद समर्थक मायूस होते नजर आ रहे है। अध्यक्ष पद पर हुई जीत के बाद सतवास में भाजपा ने विजयी जुलूस निकाला, जिसमें जिलाध्यक्ष राजीव खंडेलवाल, विधायक मनोज चौधरी, आशीष शर्मा, पहाड़सिंह कन्नौजे, मंडल अध्यक्ष सोहन पटेल, गोपीकृष्ण व्यास, पोपेंद्रसिंह बग्गा, जीतू मित्तल सहित सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थे। कांग्रेसियों ने प्रशासन का पुतला फूंका बहुमत के बाद भी कांग्रेस की पराजय के बाद कांग्रेसियों ने प्रशासन पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए प्रशासन का पुतला फूंका। कांग्रेसियों का आरोप था कि अधिकारियों ने सत्ताधारी दल का सहयोग किया। इस दौरान कांग्रेस नेता मनोज होलानी, अनिल पटेल, इमरत खान, दिपील व्यास, संजय जोशीला आदि नेता मौजूद रहे।
