आयुर्वेद विश्वविद्यालय का छठा दीक्षान्त समारोह शुक्रवार को होगा

आयुर्वेद विश्वविद्यालय का छठा दीक्षान्त समारोह शुक्रवार को होगा
रिपोर्टर धीरेन्द्र भाटी
महामहिम राज्यपाल दीक्षान्त समारोह की करेंगे अध्यक्षता
नवनिर्मित ऑडिटोरियम का होगा लोकार्पण
जोधपुर,बुधवार महामहिम राज्यपाल एवं कुलाधिपति कलराज मिश्र की अध्यक्षता में शुक्रवार को डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन् राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय का छठा दीक्षान्त समारोह आयोजित होगा। कुलपति प्रो प्रदीप कुमार प्रजापति ने बताया कि दीक्षान्त समारोह में बतौर विशिष्ट अतिथि आयुष मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग विधायक लूणी महेन्द्र विश्नोई, तथा पूर्व कुलपति आयुर्वेद विश्वविद्यालय प्रो बनवारीलाल गौड़ समारोह की शोभा बढ़ायेंगे।
प्रभारी कुलसचिव श्री मंगलाराम विश्नोई ने बताया कि कोविड महामारी के कारण विगत दो वर्षों से विश्वविद्यालय के दीक्षान्त समारोह वर्चुअल मोड पर हो रहे थे लेकिन इस वर्ष दीक्षान्त समारोह विश्वविद्यालय के नवनिर्मित ओडिटोरियम में सम्पन्न होने जा रहा है। जिसमें विश्वविद्यालय के प्रबन्धमंडल और विद्या परिषद के सदस्यगण, पूर्व कुलपतिगण, पूर्व कुलसचिवगण, पूर्व वित्त नियंत्रकगण, राज्य के समस्त विश्वविद्यालयों के कुलपतिगण सहित सम्बद्धता प्राप्त सभी महाविद्यालयों के प्राचार्यगण को आमंत्रित किया गया है। विश्वविद्यालय की पीएचडी, एमडी, एमएस, बीएएमएस, बीएचएमएस, बीयूएमएस, बीएनवाईएस तथा बीएससी (आयुर्वेद नर्सिंग) परीक्षाओं में प्रथम वरीयता प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को माननीय राज्यपाल एवं कुलाधिपति महोदय स्वर्णपदक प्रदान करेंगें तथा द्वितीय एवं तृतीय वरीयता प्राप्त विद्यार्थियों को प्रमाण-पत्र से सम्मानित किया।
कार्यक्रम के नोडल अधिकारी प्रो. महेन्द्र शर्मा तथा परीक्षा नियंत्रक डॉ. राजाराम अग्रवाल ने बताया कि विश्वविद्यालय के इस छठे दीक्षान्त समारोह में बीएएमएस के 452, बीएचएमएस के 142, बीयूएमएस के 78, बीएनवाईएस के 02, बीएससी(आयुर्वेद नर्सिंग) के 31, एमडी/एमएस(आयुर्वेद) के 191, एमडी (होम्योपैथी) के 23 तथा पीएचडी (आयुर्वेद) के 23 अध्येताओं सहित कुल 942 अध्येताओं को उपाधियां प्रदान की जायेगी।
प्रभारी कुलसचिव विश्नोई ने बताया कि इस दीक्षान्त समारोह के आयोजन स्थल सुश्रुत-सभागार का लोकार्पण दीक्षान्त समारोह के अध्यक्ष माननीय राज्यपाल एवं कुलाधिपति कलराज मिश्र के कर कमलों से किया जाएगा। इस सभागार का निर्माण आयुष मंत्रालय भारत सरकार, आयुष विभाग राजस्थान तथा आयुर्वेद विश्वविद्यालय के सम्मिलित वित्तीय योगदान से हुआ है। इस सभागार की क्षमता 400 व्यक्तियों के बैठने की है।