खाद्य विभाग की मिलीभगत से बेचा जा रहा जहर 2 वर्ष पुरानी पानी पाउच की पैकिंग की सेलिंग की गई

पन्ना पवई
खाद्य विभाग की मिलीभगत से बेचा जा रहा जहर 2 वर्ष पुरानी पानी पाउच की पैकिंग की सेलिंग की गई दुकानदार द्वारा आम नागरिकों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ जिस पर दुकानदार का बचाव करती दिखी खाद्य अधिकारी नीतू खरे,मौके पर पहुंचने की पूर्व लगभग 10 मिनट तक की दुकानदार से मोबाइल फोन पर बात ,पानी पीने के बाद लोगों के स्वस्थ में आई गिरावट, दुकानदार के विरुद्ध मामला दर्ज करने की मांग मैदान में आए सैकड़ों लोगों ने आरोपी के विरुद्ध की कार्यवाही की मांग
पन्ना जिले में खाद्य विभाग की मिलीभगत से बरसों से मिलावटी खेल खेला जा रहा है वह किसी से छुपा नहीं है क्योंकि एक जिम्मेदार महिला खाद्य अधिकारी जो बरसों से यहां पर पदस्थ हैं वह महज औपचारिकता मात्र की सैंपलिंग कर कागज और कलम की खानापूर्ति करती हैं इसी वजह से यहां पर दुकानदारों द्वारा बेखौफ होकर अमानक पदार्थों की बिक्री के साथ-साथ बरसो पुराने पानी पाउच के साथ अन्य वस्तुएं खुले आम लोगों को बेचकर आम नागरिकों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
ऐसा ही एक मामला कल प्रकाश में आया जब मुहर्रम के मौके पर मुस्लिम भाइयों सादिक खान पठान ने दीपक कदेले फ्रूट मर्चेंट की दुकान से एक सैकड़ा बोरी पानी पाउच खरीदे थे जिसमें हजारों की संख्या में पाउच थे जो दुकानदार ने वह विक्रय कर दिए जिसके सेवन करने से कुछ बच्चों को उल्टियां होने लगी जब लोगों ने उसकी डेट का परीक्षण किया तो वह तो उसकी लीगल डेट 2 वर्ष पूर्व ही खत्म हो चुकी थी ,
तब पूरी जानकारी खाद विभाग तथा पुलिस को दी गई तब खाद अधिकारी मजबूरी में पन्ना से पवई पहुंची तथा पाऊचो की सैंपलिंग ली गई, मीडिया के सवाल के जवाब में खाद्य अधिकारी श्रीमती नीतू खरे ने गोलमोल जवाब देते हुए कहा कि पन्नी पर पैकिंग की डेट नहीं दिख रही है, जबकि सैकड़ों प्रत्यक्षदर्शी उन्हें डेट दिखाने का प्रयास कर रहे थे यानी कि उनकी आंखों में लक्ष्मी नारायण की पट्टी पूर्व से लगी हुई थी, खाद्य अधिकारी की बातों से स्पष्ट हो रहा था कि कहीं ना कहीं विभागीय मिलीभगत से लोगों के लिए जानलेवा खेल खेला जा रहा है उपरोक्त खाद्य अधिकारी के पास आधा जिले की जिम्मेवारी है लेकिन फूड इंस्पेक्टर साहब की बातों से ऐसा लग रहा है की हर जगह एक ना एक दलाल के माध्यम से पूरे दुकानदारों की वसूली प्रत्येक महीने की जाती है तथा एक मोटी रकम के रूप में प्रत्येक तहसील मुख्यालय देवेंद्र नगर गुनौर पवई शाह नगर से इन अधिकारियों तक पहुंचती है यह सिलसिला पिछले कई वर्षों से बदस्तूर जारी है।