अडाणी-हिंडनबर्ग केस में सुप्रीम कोर्ट कमेटी की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक

अडाणी-हिंडनबर्ग केस में सुप्रीम कोर्ट कमेटी की जांच रिपोर्ट को आज यानी शुक्रवार को सार्वजनिक कर दिया गया। कमेटी ने अपनी ये रिपोर्ट 6 मई को सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी थी। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि शेयर प्राइस में हेरफेर के आरोपों पर यह फैसला करना संभव नहीं है कि हेरफेर की वजह SEBI का रेगुलेटरी फेल्योर है।
एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट के पॉइंट…
– 2020 से जिन विदेशी कंपनियों की जांच की जा रही थी, SEBI उनके मालिकों के बारे में कुछ तय नहीं कर पाई। वह ऐसी स्थिति में फंस गई है कि कुछ भी नहीं तय कर पा रही है।
– अडाणी ग्रुप के शेयरों के संबंध में सिस्टम से 849 ऑटोमेटेड अलर्ट जनरेट किए गए। स्टॉक एक्सचेंज की नजर में ये अलर्ट आए और 4 अलर्ट SEBI के सामने रखे गए थे।
– अडाणी-हिंडनबर्ग केस के सिलसिले में चर्चा के लिए हमने कुछ इंटरनेशनल सिक्योरिटी फर्म से कॉन्टैक्ट की कोशिश की थी। ऐसी किसी भी फर्म या बैंक एक्सपर्ट कमेटी से बातचीत को राजी नहीं हुआ।
कमेटी ने कहा कि अभी सारा मामला जांच के दायरे में है। ऐसे में कमेटी अभी इस मसले पर अपनी कोई राय नहीं दे सकती है। कमेटी ने कहा कि अडाणी ग्रुप के शेयरों में आर्टिफिशियल ट्रेडिंग का कोई भी पैटर्न नहीं मिला है।
कमेटी की रिपोर्ट के मामले में अगली सुनवाई 11 जुलाई को
इस मामले पर बुधवार को सुनवाई हुई थी। इंडिपेंडेंट कमेटी की सौंपी गई जांच रिपोर्ट पर कोर्ट ने कहा था कि उसे इस रिपोर्ट के विश्लेषण के लिए समय चाहिए। कमेटी की रिपोर्ट पक्षकारों को भी दी जाएगी। रिपोर्ट पर अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी। CJI डॉ. धनंजय यशवंत चंद्रचूड़, जस्टिस पी एस नरसिम्हा और जे बी पारदीवाला की बेंच ने इस पर सुनवाई की।
कोर्ट ने 2 मार्च को बनाई थी 6 सदस्यीय कमेटी
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में जो कमेटी बनाई थी, उसके हेड रिटायर्ड जज एएम सप्रे हैं। उनके साथ इस कमेटी में जस्टिस जेपी देवधर, ओपी भट, एमवी कामथ, नंदन नीलेकणि और सोमशेखर सुंदरेसन शामिल हैं। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की बेंच ने कमेटी बनाने का यह आदेश 2 मार्च को दिया था।
