पॉलिटिक्स, डिप्रेशन से लड़कर वर्ल्ड चैंपियन बनीं स्वीटी:खुद को कमरे में बंद किया, फिर कैसे की वापसी


‘ये 2020 की बात है। ओलिंपिक क्वालिफायर इवेंट था। मैं तैयार थी, डिजर्व करती थी। फिर अचानक रैंकिंग आई, जो लड़की मुझसे ट्रायल्स में हार गई थी, उसे मुझसे ऊपर रैंकिंग दी गई। कैंप छोड़कर वापस आ गई। खुद को कमरे में बंद कर लिया। डिप्रेशन इतना हावी हो गया कि लगता था कुछ कर लूंगी। बॉक्सिंग भी छोड़ दी।’
81 किलोग्राम वेट कैटेगरी में बॉक्सिंग वर्ल्ड चैंपियन स्वीटी बूरा जब ये कहती हैं, तो आंखों में नमी और चेहरे पर निराशा नजर आती है।
बीते 15 दिन से साक्षी मालिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया जैसे ओलिंपियन रेसलर दिल्ली में जंतर-मंतर पर धरना दे रहे हैं। धरने के केंद्र में खेल में राजनीति का कॉकटेल और सेक्शुअल हैरेसमेंट जैसे गंभीर मुद्दे हैं। स्वीटी बॉक्सर हैं, लेकिन दुनिया अलग नहीं।
उनके पिता कहते हैं, ‘बॉक्सिंग का कोई भी ट्रायल हो जी, पक्षपात तो होता ही है। बहुत होता है। सिर्फ मेरी बेटी के साथ नहीं, और भी कई लड़कियों के साथ हुआ। जिनकी अप्रोच नहीं, उनकी कोई नहीं सुनता।’
