उमरिया मजमानी खुर्द शिक्षकों का लापरवाही पूर्ण रवैया स्कूल के गेट पर लगा रहा ताला

उमरिया मजमानी खुर्द शिक्षकों का लापरवाही पूर्ण रवैया स्कूल के गेट पर लगा रहा ताला, समय पर नहीं पहुंच रहे शिक्षक
रिपोर्टर विजय कुमार यादव
शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को शिक्षा दिलाने की तमाम कोशिशों के बावजूद स्कूलों में शिक्षकों का लापरवाही पूर्ण रवैया नजारा आ रहा है। शासकीय शिक्षकों की लापरवाही का बच्चों का भविष्य चौपट हो रहा है। ऐसे ही हालात करकेली ब्लॉक के ग्राम मजमानी खुर्द के शास. पूर्व माध्यमिक स्कूल का है। ग्रामीणों के मुताबिक प्रतिदिन विद्यालय 11:30 से 12 बजे के बीच खुलता है।
हालात यह है कि बच्चे बैग टांगे स्कूल के ताला लगे गेट पर शिक्षकों का इंतजार करते रहते हैं और कई बार जब शिक्षक 12 बजे तक भी नहीं आते तो बच्चे वापस घर लौट जाते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले कई सालों से विद्यालय में कोई सुधार नहीं हुआ। लगातार शिकायत के बाद शिक्षा विभाग द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती। केवल नोटिस के नाम पर खानापूर्ति कर ली जाती है।
आपसी मिलीभगत से शिक्षक कर रहे मौज
ग्रामीणों का कहना है कि शासकीय विद्यालय में शिक्षकों की आपसी मिलीभगत से संचालन होता है। अधिकतर स्कूलों में शिक्षकों का हाल यह है कि पूरे स्टाफ के तालमेल से कुछ शिक्षक चिन्हित दिनों तक विद्यालय आते है बाकी अन्य शिक्षक घर बैठे वेतन प्राप्त करते है। इसी तरह शिफ्ट के रूप में शिक्षक विद्यालय आते है। ग्रामीणों ने कहा हम खुद परेशानी उठाकर अपने बच्चों को मजमानी खुर्द पढ़़ने के लिए भेजते है।
हालात यह है कि, शनिवार को करीब 11:40 बजे विद्यालय नहीं खुला
गांव से मजमानी खुर्द जाते है बच्चे
शासकीय शिक्षकों के मनमाने रवैये से परेशान ग्रामीणों का कहना है कि कई बार सुधार की कोशिश की लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। कई ग्रामीणों ने बताया कि हमे अपने बच्चों के भविष्य की चिंता है। गांव का सरकारी स्कूल समय से नहीं खुलता और खुलता है तो शिक्षक पढ़ाते नहीं है, इस कारण बच्चों को अध्यापन कार्य प्रभावित होता है।