इस एशिया कप से जुड़े विवाद

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श्रीलंका और पाकिस्तान में खेला जा रहा एशिया कप अब तक का सबसे विवादित ACC टूर्नामेंट होता जा रहा है। बुधवार को लाहौर में करीब आधे घंटे तक मैच सिर्फ इसलिए रोकना पड़ा, क्योंकि गद्दाफी स्टेडियम की फ्लडलाइट्स चालू नहीं हुई।

फ्लडलाइट्स तो लापरवाही का नतीजा है, लेकिन बारिश के मौसम में श्रीलंका को 9 मैचों की मेजबानी मिलना, होस्ट देश को ही 4 मैचों के लिए 3 बार ट्रैवल करना, खाली पड़े स्टेडियम, महंगे टिकट, मेजबानी को लेकर कन्फ्यूजन और खराब शेड्यूलिंग जैसे विवाद भी इस टूर्नामेंट के साथ जुड़ चुके हैं।

इस स्टोरी में हम टूर्नामेंट से जुड़े ऐसे ही 9 विवाद जानेंगे। शुरुआत मेजबानी से…

1. पाकिस्तान में होना था टूर्नामेंट, भारत के कारण शेड्यूल में देरी हुई
साल 2021 में ही तय हो गया था कि 2023 एशिया कप की मेजबानी पाकिस्तान करेगा। सब कुछ तय था, लेकिन शेड्यूल जारी होने से पहले BCCI सचिव जय शाह ने कह दिया कि टीम इंडिया पाकिस्तान नहीं जाएगी। बस यहीं से पहला विवाद शुरू हो गया। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) और एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) के बीच महीनों तक हुई चर्चा के बाद 15 जून को तय हुआ कि टूर्नामेंट पाकिस्तान के साथ श्रीलंका में भी कराया जाएगा।

ACC और PCB ने मीटिंग कर फैसला किया कि मेजबान पाकिस्तान में 4 और श्रीलंका में 9 मैच खेले जाएंगे। टीम इंडिया अपने सभी मुकाबले श्रीलंका में ही खेलेगी और फाइनल भी श्रीलंका में ही होगा।

2. UAE को नहीं दी मेजबानी
PCB और ACC ने जून में तय किया कि एशिया कप पाकिस्तान के साथ श्रीलंका में होगा। उस समय PCB के चेयरमैन रहे नजम सेठी ने कहा कि उन्होंने UAE में टूर्नामेंट कराने की मांग की थी, लेकिन उनकी मांग ये कहकर टाल दी गई थी कि वहां बहुत गर्मी होगी। जबकि 2022 में पिछला एशिया कप लगभग इसी समय 27 अगस्त से 11 सितंबर तक UAE में ही खेला गया था।

पिछले साल किसी भी मैच में न तो बारिश की समस्या आई थी और न ही फ्लडलाइट्स की, लेकिन ACC ने UAE में लगातार तीसरी बार एशिया कप नहीं कराने का फैसला किया। 2022 से पहले 2018 का एशिया कप भी UAE में ही हुआ था।

3. मेजबान को ही 2 देशों की 3 यात्राएं करनी पड़ गईं
6 टीमों का एशिया कप पहली बार हाइब्रिड मॉडल में खेला जा रहा है। 1984 में शुरू हुआ ये टूर्नामेंट इससे पहले 15 बार खेला गया, लेकिन कभी भी 2 देशों में एक साथ मैच नहीं हुए। इस बार 2 देशों में मैच हो रहे हैं, जिस कारण टीमों की ट्रैवलिंग बढ़ गई। यहां तक कि होस्ट देश पाकिस्तान को ही 4 मैचों के लिए 2 देशों में 3 यात्राएं करनी पड़ गईं।

  • 30 अगस्त को नेपाल के खिलाफ टूर्नामेंट का ओपनिंग मैच पाकिस्तान ने मुल्तान में खेला।
  • 31 अगस्त को टीम फिर श्रीलंका के कोलंबो रवाना हुई, क्योंकि 2 सितंबर को उन्हें भारत के खिलाफ कैंडी में मुकाबला खेलना था।
  • 3 सितंबर को पाकिस्तान टीम कैंडी से कोलंबो और कोलंबो से लाहौर के लिए रवाना हुई। टीम ने 6 सितंबर को यहां बांग्लादेश से मैच खेला।
  • 7 सितंबर को टीम लाहौर से कोलंबो रवाना होगी, क्योंकि टीम 10 सितंबर को भारत के खिलाफ सुपर-4 स्टेज में अपना दूसरा मैच खेलेगी।
  • पाकिस्तान को पूरे एशिया कप में सबसे ज्यादा ट्रैवल करना पड़ा। उनके अलावा श्रीलंका और बांग्लादेश ने 3 मैचों के लिए 2 देशों में ट्रैवल किया।
  • इस दौरान भारत और अफगानिस्तान के मुकाबले एक-एक वेन्यू पर ही हुए।4. खाली पड़े स्टेडियम
    नेपाल और पाकिस्तान के बीच 30 अगस्त को एशिया कप का ओपनिंग मैच मुल्तान में खेला गया, लेकिन 35 हजार दर्शक क्षमता वाले इस स्टेडियम में मुकाबला देखने के लिए बहुत कम दर्शक पहुंचे। यहां तक कि आधे से ज्यादा स्टेडियम पूरे मैच में खाली ही नजर आया। अफगानिस्तान-बांग्लादेश और अफगानिस्तान-श्रीलंका में हुए लाहौर के मुकाबलों में भी बेहद कम दर्शक पहुंचे।

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