9 वर्षीय बेटी को क्रिकेटर बनने का जुनून

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कहते हैं प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती बस एक मौके का इंतजार रहता है। मध्यप्रदेश के दमोह जिले के बटियागढ़ ब्लाक के छोटे से गांव भिलोनी निवासी किसान की बेटी पर बचपन से ही क्रिकेट बनने का जुनून इस तरह सवार हुआ कि नन्हे हाथों ने क्रिकेट का बल्ला थाम लिया। 4 साल की उम्र से ही अश्विनी पटेल को क्रिकेट का शौक़ था लिहाजा किसान पिता ने बेटी का शौक पूरा करने के लिए हाथों में क्रिकेट का बल्ला दे दिया और आज 9 वर्षीय बेटी अश्विनी पटेल दनादन क्रिकेट खेल रही है। कक्षा 3 की छात्रा अश्विनी को क्रिकेट इतना पसंद है कि आसपास के गांव में जहां भी क्रिकेट टूर्नामेंट होते हैं पिता रामलखन पटेल उसे वहां ले जाते और खिलाड़ियों का खेल देखकर बिटिया क्रिकेट के गुर सीखती है।अश्वनी का सपना है कि वह बड़ी होकर भारतीय महिला क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्व करे।
बेटी के क्रिकेट कोच पिता रामलखन पटेल ने भी बचपन से ही अपनी बेटी को हैसियत के मुताबिक क्रिकेट का हर सामान उपलब्ध कराया और अपने ढाई एकड़ कृषि भूमि में ही एक छोटी सी पिच और नेट लगाकर छोटा ग्राउंड बना दिया,काम से समय निकालकर फुर्सत के पलों में वे अपनी बेटी के साथ वह रोज क्रिकेट खेलते ,शाम को गांव और आसपास के अन्य खिलाड़ी भी इसमें शामिल होते जिनके साथ माशूम बिटिया क्रिकेट में हाथ आजमाती नंन्ही आंखों में गांव के क्रिकेट से निकलकर राज्य और देश का नेतृत्व करने और टीम में खेलने का सपना संजोए 9 साल की बेटी अश्विनी पटेल लगातार मेहनत में जुटी हुई है और नेट प्रैक्टिस में हाथ आजमा रही है। बेटी अश्विनी क्रिकेट की पिच पर परिवार और गांव का नाम रोशन करे,ऐसी हमारी भी शुभकामनाएं हैं।

बाइट – रामलखन पटेल, पिता
बाइट – अश्विनी पटेल, क्रिकेटर

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