बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर का 14वाँ स्थापना दिवस समारोह
बिहार के भागलपुर में आज बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर में 14 वाँ स्थापना दिवस समारोह का आयोजन किया गया।
आज ही के दिन 2010 में बिहार में कृषि और कृषकों के चहुंमुखी विकास को लक्ष्य लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा बिहार कृषि विश्वविद्याल की नीव रखी गायी थी।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बिहार सरकार के कृषि विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने परिसर के दो दिनों के भ्रमण के उपरांत अपने अभिभाषण में कहा कि, “स्थापना दिवस हमारे कार्यों को अवलोकन करने का मौका देता है। इस विश्वविद्याल की उपलब्धियों को कल से देखते जा रहे हैं। उपलब्धियों की लिस्ट ख़त्म ही नहीं हो रही है। यहाँ के लिए ये बड़ी बात है। साथ ही मुख्य अतिथि ने कहा कि हमने जो भी यहाँ भ्रमण के दौरान देखा और समझा उससे यकीन के साथ कह सकता हूँ कि मैं यहाँ से बहुत कुछ सीख कर जा रहा हूँ । सचिव ने जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम को प्रभावी रूप से लागु करते फसल पद्धति का पुनरवलोकन करने की भी बात कही।
इस कार्यक्रम में कृषि विभाग के संयुक्त सचिव अनिल कुमार झा, विभाग के उद्यान निदेशक एवं कृषि मंत्री के ओएसडी के अलावा भागलपुर के जिला अधिकारी ने भी अतिथि के तौर पर शामिल हुए।
इसके पूर्व स्थापना दिवस कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों ने द्वीप प्रज्जवलित कर किया गया।
स्वागत भाषण में विश्वविद्याल के कुलपति डॉ डी० आर० सिंह ने बिहार कृषि विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति डॉ मेवालाल चौधरी को याद करते हुए कहा कि, उनके द्वारा एक शानदार संरचना की रखी गयी बुनियाद पर ही आज हमलोग इतने बेहतर तरीके से कार्य कर रहे हैं। कुलपति ने कहा कि संसथान जितना पुराना होता है उसकी गरिमा भी उतनी ही बढती जाती है। उन्होंने कहा कि आज हमारा विश्वविद्यालय 13 वर्ष पूर्ण कर 14वें वर्ष में प्रवेश किया है। हमारा विश्वविद्याल किशोरा अवस्था में ही विभिन्न फसलों के 32 प्रभेद विकसित कर एक कृतिमान बनाया। उन्होंने बिहार सरकार के कृषि विभाग के सचिव द्वारा विश्वविद्याल को दो दिनों तक गहन निरिक्षण करने के लिए आभार भी व्यक्त किया। कुलपति ने सचिव महोदय से विश्विद्यालय में मौजूदा 15 विभागों को विस्तार देकर बिना अतिरिक्त खर्च के 20 विभागों को मान्यता देने के लिए आग्रह भी किया।
वेबसाइट, पुस्तक एवं पैकेजिंग का विमोचन :
इस कार्यक्रम में जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम पुस्तक एवं कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया गया। साथ ही कतरनी धान और जरदालू आम की ब्रांड पैकेजिंग का भी विमोचन किया गया, इसकी पैकेजिंग भारतीय पैकेजिंग संसथान ने किया है।
बीएयू सबौर का नए प्रारूप में वेबसाइट का भी लोकार्पण किया गया।
शिक्षकों, कर्मियो, किसानों और विद्यार्थियों को किया गया पुरुस्कृत :
बेहतरीन कार्य करने वाले शिक्षकों को बेस्ट टीचर अवार्ड से नवाज़ा गया। साथ ही बेहतर शोध करने वाले शिक्षकों को भी पुरुस्कृत किया गया।अपने कक्षा में में बेहतर उपलब्धि हासिल करने वाले सभी महाविद्यालयों के विद्यार्थियों को भी पुरुस्कृत किया गया। कई नवाचारी किसानों को भी पुरुस्कृत किया गया।
छ्त्रवास के लिए मिलेगी राशि
सचिव ने कहा कि अगर यहाँ से सम्बंधित किसी भी महाविद्यालय में छ्त्रवास कि कमी हो तो मांग की जाने पर सरकार राशि प्रदान करेगी। इसी क्रम में उद्यान महाविद्यालय नूरसराय में छ्त्रवास में नये कमरों का निर्माण किया जायेगा।
भागलपुर को रूफ टॉप गार्डन की सौगात
कृषि विभाग भागलपुर को भी रूफ टॉप गार्डन यानि छत पर बागवानी कार्यक्रम में शामिल करेगा। अभी सिर्फ पटना में ही यह कार्यक्रम चल रह है। इसके तहत विश्वविद्याल को भी रूफ टॉप गर्देनिंग के लिए शोध करने और मॉडल बनाने हेतु सहायता राशि मिलेगी।
छात्र करेंगे खेतों में प्रयोगिक कार्य
यहाँ के छात्र किसानों के खेतों में प्रायोगिक कार्य अपने पढाई के शुरूआती दिनों में ही करेंगे। सचिव ने कहा कि कृषि कि पढाई सिर्फ कक्षा और प्रयोगशाला तक ही सिमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि इसे पढाई के शुरुआती दौर से ही छात्रों को किसानों के खेतों में जाकर कार्य करना चाहिए ।
व्याख्यान कक्ष का हुआ उद्घाटन
कार्यक्रम के शुरू होने से पहले विश्वविद्यालय परिसर में छोत्रों के लिए शनदार व्याख्यान कक्ष का उद्घाटन अतिथियों ने किया। स्टेट ऑफ़ आर्ट के तर्ज पर बने कुल आठ व्याख्यान कक्ष में से दो कक्ष पूरी तरह से स्मार्ट और इंट्रेकटिव सिस्टम से लैस हैं । सभी कक्ष पुर्णतः वातानुकूलित और कुल 120 छात्रों के लिए बठने की व्यवस्था है। कक्ष के प्रांगन में अतिथियों नें वृक्षारोपण भी किया।
स्थापना दिवस समारोह में विश्वविद्यालय के सभी निदेशक, अधिष्ठाता, शिक्षक एवं गैरशिक्षकेत्तर, विद्यार्थी एवं प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया।
कार्यक्रम का संचालन अन्नू ने एवं धन्यवाद ज्ञापन निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ आर० के० सोहाने ने किया ।इसकी जानकारी पीआरओ डॉ राजेश कुमार ने दी ।