सूरज में समा जाएं 13 लाख पृथ्वियां

सूरज में समा जाएं 13 लाख पृथ्वियां:हर सेकेंड 1 लाख करोड़ परमाणु बम जितने विस्फोट; इसके रहस्यों का पता लगाएगा आदित्य-L1—–सूरज इतना विशाल है कि इसमें 13 लाख पृथ्वी समा जाएं। ये इतना गर्म है कि 1 लाख करोड़ परमाणु बम के विस्फोट से निकली ऊर्जा भी फीकी पड़ जाए। सूरज 460 करोड़ साल का हो चुका है और इसके अगले 1,000 करोड़ साल तक बने रहने की संभावना है।सूर्य की निगरानी के लिए भेजे जा रहे इस उपग्रह के सभी पेलोड (उपकरणों) का परीक्षण पूरा कर लिया गया है।
आदित्य L-1 से सोलर कोरोनल इजेक्शन यानी सूर्य के ऊपरी वायुमंडल से निकलने वाली लपटों का एनालिसिस किया जाएगा। ये लपटें हमारे कम्युनिकेशन नेटवर्क व पृथ्वी पर होने वाली इलेक्ट्रॉनिक गतिविधियों को प्रभावित करती हैं।
सूर्य को जानने के लिए दुनियाभर से अमेरिका, जर्मनी, यूरोपियन स्पेस एजेंसी ने कुल मिलाकर 22 मिशन भेजे हैं। सबसे ज्यादा मिशन अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA ने भेजे हैं।
NASA ने पहला सूर्य मिशन पायोनियर-5 साल 1960 में भेजा था। जर्मनी ने अपना पहला सूर्य मिशन 1974 में NASA के साथ मिलकर भेजा था। यूरोपियन स्पेस एजेंसी ने अपना पहला मिशन NASA के साथ मिलकर 1994 में भेजा था